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प्राचीन भारत पर आक्रमण करने वाला पहला विदेशी आक्रमणकारी, जिसे आप नहीं जानते हैं?

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आज हम आपको प्राचीन भारत पे आक्रमण करने वाले विदेशी शासकों के बारे में बताने वाले हैं। जिन्होंने सबसे पहले भारत पे आक्रमण किया था।

पारसी आक्रमण-

सातवीं शताब्दी ई.पू. ईरान में पार्स जाति के ‘हखामनि’ नामक व्यक्ति ने अपनी शक्ति को बढ़ाकर राजवंश की स्थापना की । छठी शताब्दी ई.पू. हखामनि के वंश में कुरुष नाम का एक शक्तिसाली सम्राट हुआ। कुरुष ने जेड्रोसिया होकर भारत पर आक्रमण किया,किन्तु मार्ग कि दुर्दांत कठिनाइयों के कारण उसे सफलता न मिल सकी और उसे सिंधु से वापस लौट जाना पड़ा। उसने लगभग 559 ई.पू. से 529 ई.पू.तक राज्य किया।

कुरुष के मृत्यु के पश्चात दायरबहु इस वंश का शक्तिसाली सम्राट हुआ। उसने भारत पर आक्रमण करके कम्बोज पश्चिमी गांधार और सिंधु प्रदेश पर अधिकार कर लिया, और 521ई.पू. 485ई. पू. तक सासन किया।

यूनानी आक्रमण-

पारसी आक्रमण के पश्चात भारत को यूनानी आक्रमण का सामना करना पड़ा। जिसका नेता मकदूनिया के राजा फिलिप का पुत्र सिकन्दर था। सिकन्दर का जन्म 356ई.पू.हुआ था। 336ई.पू. पिता की मृत्यु के पश्चात सिकन्दर मकदूनिया के सिंहासन पर आसीन हुआ।

भारत की ओर प्रस्थान-

330ई पू सिकन्दर ने भारत की पश्चिमी सीमा पर सीस्तान पहुंचकर उसे अपने अधीन किया, तत्पश्चात उसने अफगानिस्तान पर आक्रमण किया। इसे जीतकर उसने वहाँ अन्य सिकन्दरिया नगर की स्थापना की। 326ई.पू.सिकन्दर तच्छसिला पहुँचा, तच्छसिला का शासक आम्भी था।उसने 65 हाथी,10000 भेड़े और 8000 बैल सिकन्दर को भेट किये,और उसका स्वागत किया।

यहाँ उसे पोरस (जो भारतीय इतिहास का एक शूरवीर सम्राट था) का भेजा हुआ युद्ध का निमन्त्रण मिला। 326ई.पू.के अंत में सिकन्दर और पोरस के बीच घमासान युद्ध हुआ,अंत में सिकन्दर को विजय प्राप्त हुआ,और पोरस को बंदी बना लिया गया। इसी तरह सिकन्दर ने 336ई.पू.से 323ई.पू. तक शासन किया।

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