सरकार के खजाने पर सबसे पहला हक आपदा पीड़ितों का है- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 जुलाई को एक बड़ा ऐलान किया। नीतीश ने विधानसभा में कहा कि सरकार के खजाने पर सबसे पहला हक आपदा पीड़ितों का है। पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए जितने धन की जरूरत होगी, हम उतने धन का इंतजाम करेंगे। बिहार की मौजूदा बाढ़ फ्लैश फ्लड जैसी स्थिति है? यह पूरी तरह कुदरती मामला है। इसमें कोई कुछ कर भी नहीं सकता है। 19 जुलाई से बाढ़ प्रभावित इलाके में प्रति परिवार 6000 रुपए का पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के जरिए भुगतान शुरू किया जाएगा। इससे राशि के अंतरण में बैंक पर कोई निर्भरता नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बाढ़ पहले ही आ गई है। आमतौर पर यह समस्या अगस्त में और कभी-कभी सितंबर में आती थी। लेकिन हमारा प्रशासन पूरी तरह से सजग और राहत-बचाव के लिए तैयार है। शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार और पूर्णिया के 78 प्रखंडों की 555 पंचायतों में 25.71 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने 1.25 लाख लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से बाहर निकाला है। लगभग 1.16 बाढ़ प्रभावितों को 199 राहत शिविरों में रखा गया है। इसके अलावा 676 सामुदायिक रसोई घर चल रहे हैं। जरूरत पड़ने और राहत शिविर खोले जाएंगे। बाढ़ से अब तक 25 लोगों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ितों को जितनी भी मदद की जरूरत होगी सरकार इसमें कोई कमी नहीं आने देगी। याद कीजिए पहले राहत, बचाव की क्या स्थिति रहती थी? हमने हालात को लगातार सुधारा है। हम सजग, सचेत, संवेदनशील हैं। पीड़ितों की मदद में सभी दलों के लोग अपना दायित्व निभाएं। यह प्राकृतिक आपदा है और इससे निपटने के लिए जितनी कोशिश हम कर सकते हैं, कर रहे हैं। किसानों के फसल के नुकसान और पशुओं की मौत का मुआवजा सरकार देगी। जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई सरकार करेगी।