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30 वर्षीय नर्स पर लगा 8 बच्चों की हत्या का सनसनीखेज आरोप, बनाती थी ये बहाना

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नई दिल्ली : एक नर्स पर 8 नवजात शिशुओं की हत्या का गंभीर आरोप लगा है। अकसर चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ अस्पताल में उसे बच्चों की देखरेख करते देख लगता था कि वह किसी मां से कम नहीं है, लेकिन उसके भीतर मासूम बच्चों की बेरहमी के साथ हत्या करने का राक्षस छिपा हुआ था ये कोई नहीं जानता था।

इस नर्स का नाम है पेरे लूसी लेटबाई और उसकी उम्र 30 साल है। इंग्लैंड के चेस्टर यूनिवर्सिटी में डिग्री पूरी करने के बाद वह चेस्टर शहर में चल रहे कांउेस ऑफ चेस्टर अस्पताल में बच्चों की देखरेख करने वाली नर्स का काम काफी लंबे समय से कर रही थी।

इससे पहले भी लूसी पर इस तरह के आरोप लग चुके हैं और पुलिस वेस्टबोर्न स्थित उसके घर की भी तलाशी भी ले चुकी थी। वास्तव में, मार्च 2015 और जुलाई 2016 के बीच, चेस्टर अस्पताल में छोटे बच्चों की मृत्यु में दस प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। जांच में यह बात सामने आई कि ये बच्चे दिल या फेफड़ों की विफलता के कारण मर रहे थे, जिसे फिर से सक्रिय करना असंभव था।

एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि इन मृत बच्चों के हाथ और पैरों पर अजीबो गरीब दाग भी देखे जा सकते हैं और इन बच्चों की मौत के कारणों का ठीक से पता नहीं चल सका है। इसके बाद अस्पताल ने पुलिस को इस बारे में बताया था और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। पुलिस का कहना है कि उन्होंने इस मामले में पहले लुसी को 2018 में गिरफ्तार किया था।

इसके बाद उन्हें कुछ समय बाद जमानत दे दी गई थी। जून 2019 में एक बार फिर लुसी को गिरफ्तार कर लिया गया। अब एक बार फिर लूसी शक के दायरे में है। लुसी का कहना है कि 9 महीने पूरे होने से पहले जन्म लेने के कारण ही उन शिशुओं की हॉर्ट या फेफड़ों की कमजोरी के कारण मौत हुई थी।

लुसी के उसी दोस्त का मानना ​​है कि लुसी ऐसा कभी नहीं कर सकती। वह एक पेशेवर नर्स है और उसने अपने सपनों की नौकरी के लिए कड़ी मेहनत की है। बच्चों को मारने से दूर, वे एक मक्खी को भी नहीं मार सकती। लुसी के पड़ोसियों ने भी उसे काफी पेशेवर बताया और लुसी के स्वभाव के बारे में भी सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ दीं। ऐसे में हर कोई इस घटना को लेकर काफी परेशान है।

लुसी लिवरपूल महिला अस्पताल में भी काम किया है। दरअसल, साल 2013 में, लेस्टर अस्पताल की नवजात इकाई में केवल 2 बच्चों की मौत हुई थी, 2015 में यह संख्या बढ़कर 8 हो गई थी। अगले वर्ष भी इस यूनिट में 5 बच्चों की मौत हो गई। लुसी इस यूनिट में काम करती थी, इसलिए उसका शक गहरा गया था।

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