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गीता ज्ञान

रावण द्वारा हनुमान जी से पूछे गए पांच प्रश्न

जानिये रावण ने पूछे 5 प्रश्न हनुमान जी से 1, कह लंकेश कवन ते कीसा-अर्थात हे बंदर तुम कौन हो? 2, केहि के बल घालेसी बन खीसा-अर्थात तू ने अशोक वन को किसके बल से नष्ट किया? 3,की धों श्रवण सुनेहि नहीं मोहि- अर्थात हे ! दुष्ट तू ने मेरा नाम…

महाभारत के युद्ध में मारे गए थे 1 अरब 66 करोड़ से ज्‍यादा योद्धा, किसने करवाया था सभी शवों का अंतिम…

यह बात तो लगभग सभी को पता है कि जब पांडवों और कौरवों का युद्ध हुआ तो इस युद्ध में करोड़ो की संख्‍या में योद्धा मारे गये थे। लेकिन क्‍या एक बात कभी आपके जहन में आयी कि आखिर उस समय इतने शवों का क्‍या हुआ होगा। आइए जानते हैं।जब महाभारत के…

भगवान विष्णु को सोते हुए देखकर भृगु ऋषि ने मारी, थी उन्हें छाती पर लात… फिर हुआ था ये

सबसे पहले जानते है कि ऋषि भृगु कोन थे पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि भृगु एक पुण्यात्मा थे और उन्होंने एक भृगु नाम का पुराण लिखा था जिसमे हम जान सकते है कि मनुष्य को आने वाले 3 जन्म में क्या फल मिलेगा इसी के साथ पूरे ब्रामण के ग्रहों की चाल की…

जानिए एकलव्य ने अपना अंगूठा काटने का बदला गुरू द्रोणाचार्य से कैसे लिया था

महाभारत में एक ऐसा भी व्यक्ति था। जिस की कहानी आपको प्रभावित कर सकती है। उसकी कहानी भी बचपन से ही लोगों को बताई जाती है। जी हां हम बात कर रहे हैं एकलव्य की उसकी धनुर्विद्या इतनी ज्यादा शक्तिशाली थे कि इसके विद्या के सामने अर्जुन और कर्ण भी…

क्या आप को पता है मृत्यु के अंतिम समय दुर्योधन के 3 उंगलियां उठाने का रहस्य ?

महाभारत के युद्ध में महाबली भीम ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार से दुर्योधन के जांघ पर वार करके उसे बुरी तरह से घायल कर दिया था। बेसुध होने पर भी दुर्योधन ने अपनी 3 उंगलियां उठाई हुई थी। भगवान श्रीकृष्ण समझ गए कि दुर्योधन क्या कहना चाहते है।तब…

हैप्पी बर्थडे समस्या फनी चुटकले जो आपको हँसा-हँसा कर लोटपोट कर देंगे

हैप्पी बर्थडे समस्या अगर कोई चीज बच्चों को टेंशन से दूर ले जा सकती है तो वह है हंसी। और जब ख्याली सहारन जैसा कॉमेडियन सामने हो तो भला हंसी दूर कैसे रह सकती है।पूरा साल मस्ती करते हो और जब परीक्षा आती है तो दिन-रात पढ़ते हो। पहले क्यों नहीं…

कृष्ण कथा – अनुभव

जब महाभारत में भीष्म पितामह ने प्रतिज्ञा की कि कल पांडवो को मार डालूँगा, तो भगवान धर्म संकट में आ गए एक ओर भक्त भीष्म की प्रतिज्ञा और दूसरी ओर अर्जुन. भगवान को नीद नहीं आ रही थी यहाँ से वहाँ,टहल रहे थे,आधी से ज्यादा रात हो गई.भगवान ने सोचा…

गीता ज्ञान- अध्याय 4 श्लोक 3-7

आज का संदर्भ हरे कृष्ण। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि मैंने यह ज्ञान सबसे पहले महाराजा सूर्य को दिया तो आम आदमी की तरह ही अर्जुन के मन में सवाल आया और उसने भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि आपका जन्म तो इसी समय का है फिर आपने दुनियाँ की…

गीता – अध्याय 4 शलोक 8

हरे कृष्ण। इस शलोक में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को बता रहे हैं कि मैं हर युग में और ज़रूरत पड़ने पर एक युग में कई बार भी जन्म लेता हूँ। और मेरे जन्म लेने का प्रयोजन क्या है इसके बारे में बताते हुए कहते हैं। संतों की रक्षा के लिये, दुष्ट व…

गीताज्ञान में जाने कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग क्या क्या है?

हरे कृष्ण। गीताज्ञान का मुख्य उद्देश्य है मनुष्य को सुख शान्ति से जीवन व्यतीत करने का मार्ग बताना और परमानन्द प्राप्ति के रास्ते पर ले जाना। उसके लिये भगवान ने मुख्य तौर से तीन रास्ते बताए हैं। इन्हें तीन योगों का नाम दिया गया है। १…

जब अर्जुन से श्री कृष्ण से पुछा योगसिद्धि क्या है?

अध्याय ६ शलोक ४०-४२ हरे कृष्ण। अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा था कि योगसिद्धि में लगा हुआ मनुष्य यदि योग अर्थात अपने लक्ष्य से विचलित हो जाता है भटक जाता है तो उसकी क्या गति होती है वह सर्वथा नष्ट तो नहीं हो जाता।       सवाल है…

गीता ज्ञान – अध्याय 9 शलोक 29-31

हरे कृष्ण।भगवान श्री कृष्ण कहते हैं मेरे भक्त का कभी पतन नहीं होता। कितना भी दुराचारी मनुष्य क्यों ना हो यदि भगवान की भक्ति का सहारा ले लेता है और सतकर्म में लग जाता है तो वह भी मोक्ष का भागी बन जाता है। कहने का तात्पर्य यह कि यदि कोई…

आज का संदर्भ – अध्याय 9 शलोक 19-21

हरे कृष्ण। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि इस संसार उत्पत्ति से पहले भी मैं था संसार की प्रलय के बाद में भी मैं रहने वाला हूँ आदि अंत में होने के कारण मध्य में तो हो ही गया। कहने का मतलब है कि प्रभु अनन्त हैं। कितने ही रिषि मुनियों में बड़े…

गीता ज्ञान – अध्याय 8 शलोक 8-11

हरे कृष्ण। अर्जुन का सवाल था कि निश्काम भाव से सतकर्म में लगे हुए मनुष्य का अंत में क्या होता है भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि जो मनुष्य अंत समय में मेरा स्मरण करते हुए प्राण त्याग करता है वह मुझे ही प्राप्त होता है इसमें कोई संदेह नहीं है।…

गीता ज्ञान – अध्याय 8 श्लोक 5-7

गीता ज्ञान में भगवान श्री कृष्ण ने 7वें अध्याय और विशेषकर 29-30 शलोकों में 6 शब्दों का प्रयोग किया है। ब्रह्म, अधात्म, कर्म , अभिभूत , अधिदेव और अभिभूत। 8वेँ अध्याय के पहले दो शलोकों में अर्जुन भगवान कृष्ण से पूछता है महाराज आपके इन शब्दों…

गीता ज्ञान – अध्याय 7 शलोक 22-30

हरे कृष्ण। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मैंने मनुष्य को स्वतन्त्रत सत्ता दी है, वो जो भी करता है मैं उसे करने देता हूँ। मैं किसी की भी कार्य प्रणाली में कोई विघ्न पैदा नहीं करता। मनुष्य की दो मनोवृत्ति है एक है छोड़ना और दूसरी है पकड़ना।…

गीता ज्ञान -अध्याय 7 शलोक 18-21

हरे कृष्ण। भगवान श्री कृष्ण ने भक्तों की 4 श्रेणी बताई। ज्ञानी भक्त को भगवान अपने सबसे प्रिय भक्त की संज्ञा देते हैं। तो क्या बाकी श्रेणी के भक्त भगवान को प्रिय नहीं है या भगवान से दूर हैं। ऐसा नहीं है भगवान को तो सबसे प्रेम है लेकिन ज्ञानी…

गीता ज्ञान- अध्याय 7 शलोक 4-7

हरे कृष्ण। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि इस ब्रह्मांड में जो कुछ भी है वह पंच महाभूत जल, आकाश, अग्नि , वायु और पृथ्वी यानी अपरा(जगत ) मन, बुद्धि और अहंकार यानी परा ( जीव) के कारण ही है। । इन आठों के संयोग से ही सब कुछ मौजूद है। सभी पदार्थों…