जासूसी कहानी : दुश्मनी का अंत
इन्सपेक्टर हरीश ने घड़ी पर निगाह डाली रात के आठ बज रहे थे। उन्होंने सोचा कि थोड़ी देर सुस्ता लिया जाये पर तभी एक सिपाही ने पन्द्रह वर्षीय एक बालक के साथ उनके आॅफिस में प्रवेश किया।
साहब यह लड़का आपसे कुछ कहना चाहता है। सिपाही ने बालक की ओर…