centered image />

महिलाओं के ब्रेस्‍ट से जुड़ी कुछ वैज्ञानिक बातें, जिन्हें आपको जानना चाहिए

0 837
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

ब्रेस्‍ट हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहीं हैं। महिलाएं बहुत ज्यादा इसकी देखभाल करती है वन इसके लिए ब्रेस्‍ट को उभारने या सुडौल बनाने की इच्छा रखती है। लेकिन ब्रेस्‍ट से जुड़ी कुछ वैज्ञानिक बाते है जिनसे लगभग सभी अंजान है। ब्रेस्‍ट को लेकर कुछ ऐसे तथ्‍य है जिन्‍हें पढ़कर आपको हैरानी जरूर होगी। यह तथ्‍य अजीबोगरीब होने के साथ-साथ सच भी है। यहां तक कि इसमें से ज्‍यादातर आपको शायद पता भी नहीं है।

ज्यादातर महिलाओं का मानना है कि अंत: वस्त्र पहनने से ब्रेस्‍ट में कसाव आता है और वह एक जगह स्थिर रहते है जबकि एक शोध मे यह साबित हुआ है कि अंत: वस्त्र पहनने का ज्‍यादा असर ब्रेस्‍ट की बजाय गर्दन और पीठ पर पड़ता है जिसके फलस्वरूप उन्‍हें पीठ दर्द और अपच की शिकायत रहती है।

लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं अपने साइज से एक या दो इंच बड़े अंत: वस्त्र पहनती हैं और लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं गलत साइज की अंत: वस्त्र पहनती है जिसका असर उनके ब्रेस्ट के अग्र भाग पर पड़ता है और वो घिसते हैं जिससे ब्लीडिंग होने की संभावना भी बन सकती है।

– ब्रेस्ट का आकार आनुवंशिक और आपके वजन पर निर्भर करता है। जब कभी महिलाएं अपना वजन घटाती या बढ़ाती हैं तो उसका फर्क सबसे पहले उनकी ब्रेस्‍ट पर ही पड़ता है। एक शोध के मुताबिक महिलाओं के ब्रेस्‍ट का साइज हर घंटे घटता बढ़ता रहता है लेकिन परिवर्तन इतना कम होता है कि आपको पता भी नहीं चलता है।

पुरुषों में भी ब्रेस्ट और ब्रेस्ट के अग्र भाग होते हैं, क्योंकि सभी भ्रूण शुरूआत में लड़की बनकर ही अस्तित्‍व में आते हैं। लगभग छ: से सात हफ़्तों के बाद टेस्टोस्टरॉन का असर दिखना शुरू होता है, लेकिन तब तक ब्रेस्ट और ब्रेस्ट के अग्र भाग आपका आकार ले चुके होते है।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.