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असम के वरिष्ठ पत्रकार नव ठाकुरिया अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

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गुवाहाटी, 30 नवम्बर मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिये काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘प्रेस एम्बलेम कैम्पेन’ (पीईसी) ने इस बार असम के वरिष्ठ पत्रकार नव ठाकुरिया को अपने वार्षिक पुरस्कार से नवाजा है। उन्हें यह

पुरस्कार भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशों के संवाद कर्मियों के हित में उनकी ओर से किये गये प्रयासों के लिये दिया जा रहा है।

ठाकुरिया इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाले पहले भारतीय पत्रकार हैं। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नये वेरिएंट के मद्देनजर दुनिया भर में फैली चिंता के चलते यह पुरस्कार हासिल करने वे स्वयं जिनेवा नहीं पहुंच सके। इसे

ध्यान में रखते हुए संस्था ने वर्चुअल माध्यम से उन्हें यह सम्मान देने का निर्णय लिया है।

पीईसी ने पहली बार दुनिया में दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश के किसी पेशेवर पत्रकार को इस पुरस्कार से विभूषित करने का निर्णय लिया है।

संस्था के महासचिव व्लेज लेम्प के मुताबिक विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में परिचित भारत में एक शक्तिशाली जनमाध्यम मौजूद है। दक्षिण एशिया के इस देश में विगत वर्ष 15 पत्रकारों की हत्या की खबरें सामने आई थीं।

इसके साथ अनेक संवाद कर्मियों को कई प्रकार की अन्य शारीरिक-मानसिक यातनाओं का शिकार होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि इस साल भी अभी तक भारत में छह पत्रकारों की हत्या के समाचार सामने आ चुके हैं। साथ ही मार्च 2020 से अब तक लगभग 300 पत्रकारों को कोरोना वायरस की चपेट में आकर प्राण गंवाने पड़े हैं।

ठाकुरिया ने अपने देश के साथ पड़ोसी राष्ट्र म्यांमार के पत्रकारों के उत्पीड़न के आंकड़े भी एकत्र किए हैं। गत एक फरवरी से आरम्भ सैनिक शासन काल में लगभग 120 पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा चुका है। म्यांमार में अभी भी

40 पत्रकार जेल में बंद हैं।

असम अभियांत्रिक महाविद्यालय से स्नातक ठाकुरिया दुनिया के अनेक देशों के संवाद माध्यमों में अपने क्षेत्र के समाचार और आलेख प्रकाशित करवा चुके हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि उन्हें मिलने वाला यह पुरस्कार दक्षिण और

दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों को विश्व मंच पर सामने लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

पीईसी (www.pressemblem.ch) ने वर्ष 2020 में मेक्सिको के पत्रकार कारमेन एरिष्टेगुइक को यह पुरस्कार दिया था। उसके पहले अफगानिस्तान, मालटा, तुर्की, रूस, सीरिया, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, ग्वाटेमाला, ट्यूनीशिया, मिस्र,

फिलीपींस आदि के पत्रकार और पत्रकार संगठन इस पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं।

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