भगवान विष्णु को सोते हुए देखकर भृगु ऋषि ने मारी, थी उन्हें छाती पर लात… फिर हुआ था ये
सबसे पहले जानते है कि ऋषि भृगु कोन थे पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि भृगु एक पुण्यात्मा थे और उन्होंने एक भृगु नाम का पुराण लिखा था जिसमे हम जान सकते है कि मनुष्य को आने वाले 3 जन्म में क्या फल मिलेगा इसी के साथ पूरे ब्रामण के ग्रहों की चाल की भी व्याख्या भृगु पुराण में की गई है अब आइए जानते है क्यों मारी थी उन्होंने भगवान विष्णु को लात
पद्म पुराण में वर्णन किया गया है कि एक बार भृगु ऋषि और यह बहुत से ऋषि बेथ कर एक साथ यज्ञ कर रहे थे यज्ञ पूरा होने के तुरंत बाद ऋषियों में एक बात छिड़ गई कि तीनों त्रिदेवों में सबसे सतोगुणी कौन है इसके बाद यह निष्कर्ष निकला कि भृगु ऋषि को यह काम सौपा गया कि वह तीनों त्रिदेव की एक एक करके परीक्षा लें इससे स्पष्ठ हो जाएगा कि तीनों में से कौन ज्यादा सतोगुणी है आगे पढ़िए भृगु ऋषि ने उसके बाद क्या किआ
सबसे पहले भृगु ऋषि ब्रह्मा जी के पास पहुचे और ब्रह्मा जी पर वह बहुत क्रोधित हो कर अपशब्द बोलने लगे पर जब ब्रह्मा जी ने उनसे अपशब्द बोलने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा क्षमा करें बह्मा जी मे तो बस ये देख रहा था या नहीं इसके बाद वह महादेव जी के पास गए और उनके साथ भी यही व्यवहार किया पर महादेव भी क्रोधित नही हूए ओर भृगु ऋषि उनसे भी क्षमा मांग कर भगवान विष्णु के पास गए इसके बाद
भृगु ऋषि ने भगवान विष्णु को सोता समझ कर जोर से उनकी छाती पर लात मारा इतने में भगवान विष्णु की निंद्रा भंग हो गई और भगवान विष्णु जागते साथ ही ऋषि के पैर पकड़ लिए उसके बाद ऋषि को लज्जा आई और प्रसन्न भी हूए इसके साथ उन्होंने भगवान को सतोगुणी होने का वरदान दे दिया