भारत के आयात में रूसी कच्चे तेल की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत तक बढ़ी: युद्ध से पहले सिर्फ 0.2 प्रतिशत
जनवरी में लगातार चौथे महीने, रूस से भारत की कच्चे तेल की खरीद पारंपरिक पश्चिम एशियाई आपूर्तिकर्ताओं से अधिक हो गई। रिफाइनरी तेजी से रूसी क्रूड खरीद रही हैं, जो डिस्काउंट पर उपलब्ध है।
रुसो-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से पहले, रूसी तेल का भारत के आयात में एक प्रतिशत से भी कम हिस्सा था। एनर्जी शिपमेंट ट्रैकर वोर्टेक्सा के मुताबिक, जनवरी में रूस से भारत का कच्चा आयात बढ़कर रिकॉर्ड 12.7 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया।
इस प्रकार भारत के आयात में रूसी कच्चे तेल की हिस्सेदारी बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है। चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है। रूसी तेल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंधों के बाद रियायती कीमतों पर उपलब्ध है। रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से पहले, रूसी कच्चे तेल का भारत के आयात में केवल 0.2 प्रतिशत हिस्सा था। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस समेत दुनिया में कहीं से भी कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा।