शायरी : अगर जान जाते तुम मेरे दर्दे दिल की गहराई को, तुम खुद ना सोते मुझे सुलाने से पहले
शायरी : हम आपके लिए एक बहुत ही अच्छी और प्यारी शायरी लेकर आयें है जो आपको खुश कर देंगे. अगर अच्छा लगे तो लाइक और शेयर जरूर करिएगा.
- वह कहने लगी नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच,
मैंने मुस्कुराकर कहा तेरी आंखों से ही शुरु हुआ था इश्क हजारों के बीच -
अगर जान जाते तुम मेरे दर्दे दिल की गहराई को,
तुम खुद ना सोते मुझे सुलाने से पहले.
- इश्क़ की होलियां खेलना छोड़ दी है मैंने, वरना हर चेहरे पर रंग मेरा होता
हां वह कच्ची उम्र के सच्चे इश्क में सुकून था, अब तो दुनियादारी की समझ में हमें जरा बेदिल सा बना दिया होता
- ख्वाहिशों का मोहल्ला बहुत बड़ा होता है साहब बेहतर यही है कि हम जरूरतों की गली में मुड़ जाएं.
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दोस्तों की महफिल सजे जमाना हो गया, लगता है खुल कर जिए जमाना हो गया. काश कहीं मिल जाए वह काफिला दोस्तों का आज अपनों से मिले जमाना हो गया.
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