मंकीपॉक्स से संबंधित शोध से कंप्यूटर, कॉफी मग से फैलने वाले वायरस के नए जोखिम
अमेरिकी सरकार ने दावा किया कि कार्यालय में कंप्यूटर-माउस या कॉफी मशीन को छूने से भी मंकीपॉक्स हो सकता है। यूएस बॉडी ऑफ डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के नए शोध में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि नियमित रूप से सैनिटाइजेशन के बाद आम घरेलू सामानों पर मंकीपॉक्स वायरस कई दिनों तक जीवित रह सकता है। सीडीसी शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए घर पर दो मंकीपॉक्स रोगियों का परीक्षण किया।
घरों की सतहों को नियमित रूप से साफ किया जाता था। मरीजों ने दिन में कई बार हाथ धोए और स्नान किया। फिर भी, 20 दिनों के बाद भी मंकीपॉक्स 70 प्रतिशत सतहों पर पाया गया। घर के जिन हिस्सों या वस्तुओं में वायरस पाया गया उनमें सोफा, कंबल, कॉफी मशीन, कंप्यूटर-माउस और बिजली के स्विच शामिल हैं। हालांकि, सीडीसी ने स्पष्ट किया कि इनमें से किसी भी वस्तु या सतह पर कोई जीवित वायरस नहीं पाया गया।
घरेलू पशुओं से संक्रमण का खतरा
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों को घरेलू पालतू जानवरों से दूर रहने की चेतावनी दी जाती है। उन्होंने कहा कि जानवरों को वायरस के अनुबंध का खतरा हो सकता है।
यह संक्रमण अब तक 92 देशों में फैल चुका है
इन देशों में मंकीपॉक्स के 35 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
मंकीपॉक्स के संक्रमण से अब तक दुनियाभर में 12 मरीजों की जान जा चुकी है।
ये हैं इसकी विशेषताएं
सीडीसी के अनुसार, मंकीपॉक्स के लक्षण चिकनपॉक्स के समान ही होते हैं। यह बहुत खतरनाक नहीं है। इसके मुख्य लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, शरीर में दर्द और पीठ दर्द, ठंड लगना, थकान, चेहरे पर और मुंह के अंदर छाले और हाथों और पैरों पर चकत्ते शामिल हैं।