मधुमेह के खतरे को करें कम – धीरे धीरे खाने की आदत डाले
मधुमेह होने के खतरे को कम करना है, तो हड़बड़ाकर मत खाइए, बल्कि धीरे-धीरे चबाकर खाइए. डेली मेल की खबर में बताया गया कि जापान के अनुसंधानकर्ताओं ने इस अध्ययन को अंजाम दिया, जिसमें पाया गया कि धीरे-धीरे खाने वालों में टूटे ग्लूकोज को जोड़ने का काम दोगुनी गति से होता है.
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि जलपान करने वालों और देर रात में भोजन करने सहित खाने की दूसरी आदतों वालों में इस क्षमता की बढोतरी नहीं पाई गई.
जिनमें टूटे ग्लूकोज को सहन करने की शक्ति (आईजीटी) होती है, ऐसे व्यक्तियों के खून में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन यह मधुमेह की वजह बनने जितनी अधिक नहीं होती.
अगर एहतियाती कदम नहीं उठाए गए, तो यह टाइप-2 मधुमेह में परिवर्तित हो सकता है.
आईजीटी वाले 40 से 50 फीसदी लोगों में अगले 10 साल में टाइप-2 मधुमेह हो सकता है. अध्ययन में पाया गया कि जल्दी-जल्दी खाना आईजीटी के खतरे को बढा देता है.
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