दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को फांसी की सजा, दो लाख का अर्थदंड
सोनभद्र, 24 नवम्बर । अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट) पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को साढ़े आठ वर्ष पूर्व सात वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषी शहजाद को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा दो लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि में से वादी को उचित प्रतिकर दिलाने के लिए कोर्ट ने संस्तुति की है। साथ ही मृत्युदंड की पुष्टि के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रेषित किया जाएगा।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति ने 10 जनवरी 2013 को थाने में तहरीर दी। आरोप लगाया कि था कि उनकी सात वर्षीय बेटी सुबह नौ बजे घर से खेलने के लिए निकली थी जो वापस नहीं लौटी। जब उसकी खोजबीन की गई तो पता चला कि हैण्डपंप पर विंढमगंज थाना क्षेत्र के हरपुरा गांव निवासी शहजाद बेटी से कुछ बातचीत कर रहा था।
दोपहर बाद डेढ़ बजे के करीब उसकी बेटी की नग्न अवस्था में लाश अरहर के खेत में मिली। जिसे देखने पर लग रहा था कि उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी उसी के कपड़े से गला दबाकर हत्या कर दी गई हो। बेटी को शहजाद के साथ कई लोगों ने देखा था। इस तहरीर पर पुलिस ने दुष्कर्म, हत्या के साथ ही पॉक्सो एक्ट एवं एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर लिया। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी शहजाद को फांसी एवं दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
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