प्यार भी हो गया अनलॉक, प्रेमियों की ऑफलाइन डेटिंग की शुरुआत
प्यार का कोई सादृश्य नहीं होता… प्यार ही प्यार होता है, हमने प्रेम कहानियों में और हकीकत में प्यार के कई ‘वेरिएंट’ अनुभव किए हैं। मिशन बिगिन के तहत प्रेमी ‘ब्रेक द चेन’ तोड़ते हैं और ‘दो गज की दूरी’ के नियम को तोड़ते हैं। कोरोना ने परिवार के परिवार को अलग-थलग कर दिया, और माता-पिता भी बेफिक्र थे क्योंकि बाहर कोरोना जैसे पुलिस वाले थे। हालांकि लॉकडाउन की वजह से जो प्यार ‘होम क्वारंटाइन’ था वह फिर ‘अनलॉक’ हो गया।
कोरोना की दूसरी लहर ने कई जिलों की सीमाओं को बंद कर दिया है। पहले लाॅकडाउन की तरह धारा 144 लागू कर पुलिस जैसे योद्धाओं ने रौद्र का रूप धारण कर लिया। पहले लॉकडाउन के बाद स्कूल, कॉलेज और अन्य चीजें खुलीं, इस बीच दोस्त मिले और फिर एक और लहर आ गई। खासकर चूंकि यह लहर परिवार में सभी के लिए खतरनाक है, इसलिए सामाजिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने और साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया गया।
हर जगह ‘वर्क फ्रॉम होम’ की संस्कृति के साथ, कुछ लोग दिन भर लैपटॉप पर और कुछ मोबाइल पर ऑनलाइन व्यस्त रहते हैं। इस सगाई ने कई लोगों की ऑनलाइन पहचान को दोस्ती और फिर प्यार में बदल दिया। वर्तमान में कई युवाओं का टीकाकरण नहीं हुआ है। अनलॉक, ट्यूशन क्लासेज के चलते नोटों के बहाने शहर के बाहर बगीचों, जंगलों, झीलों और पर्यटन स्थलों पर बारिश की फुहारों में डूबे युवा। हालांकि, टीकाकरण के अभाव में युवाओं में ‘एंटीबॉडी बिल्डअप’ होना अभी बाकी है।
एसएमएस महत्वपूर्ण
कोरोना काल में अनलॉक होने पर माता-पिता के भरोसे का फायदा उठाकर बेवजह नहीं निकालना चाहिए। एस (सैनिटाइजर), एम (मास्क) और एस (सोशल डिस्टेंस) को अपनाने की जरूरत है ताकि कोरोना एक ‘हॉटस्पॉट’ न बने जहां युवा एक साथ आ रहे हैं।