घर में हर कमरे का सही दिशा में होना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि चीजों को सही जगह पर रखा जाए। अगर घर में मंदिर, खाने की मेज, जूतों का रैक, पलंग, सोफा आदि सही जगह पर न हो तो बड़ी परेशानी होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार हर घर में जूतों की रैक या जूते-चप्पल गलत जगह रखने से धन की हानि होती है। इन गलतियों से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं और घर से सुख-समृद्धि दूर हो जाती है।
घर में जूते-चप्पल रखने की सही दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व दिशा में जूते-चप्पल रखना बहुत ही अशुभ होता है। ईशान कोण या ईशान कोण ईश्वर का आसन है। इस दिशा में मंदिर होना चाहिए। इसलिए यहां जूते-चप्पल रखने से घर की सुख-समृद्धि पर भारी असर पड़ सकता है। देवी-देवताओं की नाराजगी परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ तोड़ सकती है।
कई घरों में बेडरूम में जूते-चप्पल रखे जाते हैं। ऐसा करना भी गलत है। यह वातावरण में नकारात्मकता पैदा करता है और अनिद्रा-तनाव की स्थिति पैदा करता है। जूतों को कभी भी बेडरूम के अंदर न रखें। साथ ही अपनी चप्पलें न उतारें और तकिए के पास या पलंग के नीचे न सोएं।
जूते-चप्पल दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें। वास्तु के अनुसार ऐसा करना सबसे उचित माना जाता है।
फटे या गंदे जूते-चप्पल कदापि न पहनें। ऐसा करने से छवि भी खराब होती है, शनि के साथ राहु-केतु कुंडली में कमजोर होकर खराब फल देते हैं। फटे जूते पहनने का अर्थ है धन की हानि।
– पीले रंग के जूते-चप्पल कदापि न पहनें। पीला रंग शुभ माना जाता है, इस रंग के जूते या चप्पल पहनने से भी शुभ फल दुर्भाग्य में बदल जाते हैं।