ज्यादा सोचने वाले लोग इसे जरुर पढ़ें जानिए, ज़रुरत से ज्यादा सोचना क्यों है नुक्सान देह
क्या खूब कहा है किसी ने “जिस दिन से आप दूसरों के बारे में अच्छा सोचना शुरु कर देते हैं ना तो उस दिन से आपको अपने बारे में अच्छा सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी” यह एक छोटी सी कहानी है
वेटर उसके बस आता है और बोलता है क्या लेंगे सर आप।
लड़का बोलता है वलेना आइसक्रीम कितने की है वेटर बोलता है सर ₹50 की।
लड़का धीरे से अपनी जेब में हाथ डालता है और देखता है कि उसके पास कुल ₹50 ही हैं फिर वह वेटर से पूछता है
कि ऑरेंज फ्लेवर आइसक्रीम कितने की है।
वेटर बोलता है सर ₹35 की।
लड़का बोलता है कि ठीक है ऑरेंज फ्लेवर आइसक्रीम लेकर आओ।
वेटर जाता है और कुछ देर बाद ऑरेंज फ्लेवर आइसक्रीम और बिल साथ में लेकर आता है। लड़का आइसक्रीम
खाता है और बिल में 50 का नोट रखकर चला जाता है।
वेटर आकर बिल उठाता हूं और देखता है कि बिल में ₹50 हैं वेटर हैरान हो जाता है कि इस छोटे से लड़के ने वेलेना
आइसक्रीम ना खाकर ऑरेंज फ्लेवर आइसक्रीम खाई वह भी मुझे टिप्स देने की खातिर।
इस स्टोरी से हमें सीख मिलती है कि हमें हमेशा दूसरों के बारे में अच्छा सोचना चाहिए क्योंकि जब हम दूसरों के बारे में अच्छा सोचते हैं तो हमारे लिए भी अच्छा होता है। और हमारे लिए सबसे खुशी की बात यह होती है कि जब सब लोग हमारे बारे में भी अच्छा सोच रहे होते हैं।