centered image />

Papaya farming: इस तरह पपीते की खेती से किसान बनेंगे अमीर, कमा रहे हैं लाखों की आमदनी

0 166
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

Papaya farming: पपीते की खेती भारत के अधिकांश हिस्सों में व्यापक रूप से की जाती है। इसका सेवन कई बीमारियों का रामबाण इलाज है। इसी वजह से डॉक्टर्स ने कई बीमारियों में इसका सेवन करने की सलाह दी है।

पपीते की खेती आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, उत्तरांचल और मिजोरम में व्यापक रूप से की जाती है। इसकी खेती साल के बारह महीने की जा सकती है। इसे 38°C से 44°C के अधिकतम तापमान पर लिया जा सकता है।

Papaya farming: भीषण ठंड व गर्मी से पपीते की फसल को हुआ नुकसान-

Papaya farming: लू और लू दोनों ही पपीते की फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इसकी खेती के लिए इसे हल्की दोमट या चिकनी मिट्टी पर 6.5-7.5 के पीएच मान के साथ किया जाता है। वहीं पपीते के साथ-साथ मटर, मेथी, चना, फ्रेंच बीन और सोयाबीन जैसी दलहन फसलों की खेती की जा सकती है।

पौधों की खेती-

पपीते की खेती के लिए सबसे पहले नर्सरी में पौधे रोपे जाते हैं। इसके लिए एक हेक्टेयर के लिए 500 ग्राम बीज पर्याप्त होता है। बीज से पौधे के विकसित होने के बाद इसे खेत में लगाया जाता है।

इस बार काटो-

पूरी तरह से पके हुए पपीते के फलों को तने के साथ ही तोड़ लेना चाहिए जब फल का ऊपरी भाग पीला पड़ने लगे। स्वस्थ फलों की कटाई के बाद एकसमान आकार के फलों को अलग कर लेना चाहिए और सड़े हुए फलों को हटा देना चाहिए।

इतना मुनाफा –

एक स्वस्थ पपीते का पेड़ आपको एक मौसम में 40 किलो फल देता है। आप एक हेक्टेयर में लगभग 2250 पेड़ उगा सकते हैं। इस हिसाब से एक हेक्टेयर पपीते की फसल से आप एक सीजन में 900 क्विंटल पपीते का उत्पादन कर सकते हैं।

बाजार में इसकी कीमत 40 से 50 रुपये तक पहुंच जाती है। इस हिसाब से एक किसान पपीते की खेती से एक हेक्टेयर में आसानी से 10 लाख रुपये तक कमा सकता है।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.