डिब्बाबंद पानी प्लास्टिक की बोतल का पानी सेहत के लिए है फायदेमंद, आइए जानते हैं?
आज जब हम घर से बाहर जाते हैं तो आमतौर पर पानी की बोतल भरते हैं, सेहत लेकिन भूल जाते हैं या पानी की बोतल गायब होने पर बाजार से पानी की बोतल का पैकेट खरीद लेते हैं। हम समझते हैं कि बोतलबंद पानी शुद्ध होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पैक बोतल का पानी कितना शुद्ध होता है? कितने दिन बासी है? तो आइए जानते हैं कि ऐसा पानी हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद या हानिकारक है? जब लोगों को प्यास लगती है तो वे बाजार से बोतल 10, 15 या 20 रुपये में खरीद लेते हैं। वे नहीं जानते कि प्लास्टिक की बोतलों का पानी पीने से उनके शरीर में माइक्रोप्लास्टिक घुल रहा है।
माइक्रोप्लास्टिक
दरअसल, जब प्लास्टिक की बोतलें धूप या गर्मी के संपर्क में आती हैं, तो वे माइक्रोप्लास्टिक छोड़ना शुरू कर देती हैं। ऐसे में जब हम इस पानी को पीते हैं तो एंडोक्राइन सिस्टम प्रभावित होता है जो शरीर में हार्मोन का संतुलन बनाए रखता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के पानी के लंबे समय तक सेवन से हार्मोनल असंतुलन, जल्दी यौवन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे हमारा लीवर खराब हो सकता है। इससे बांझपन की समस्या भी हो सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्लास्टिक की बोतलें ज्यादा देर तक सड़ती नहीं हैं। एक लीटर पानी की बोतल बनाने में 1.6 लीटर पानी बर्बाद होता है। विशेषज्ञों के अनुसार प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने से सूक्ष्म प्लास्टिक के कण मानव आहार के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में पहुंच जाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार माइक्रोप्लास्टिक में बहुत महीन कण होते हैं। प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से ये बारीक कण मानव पाचन तंत्र के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच सकते हैं।
‘Frontiers.org’ के शोध के अनुसार, बोतलबंद पानी गर्मी के संपर्क में आने पर सबसे अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। उदाहरण के लिए, कार में, जिम में या आउटडोर गेम्स के दौरान धूप के संपर्क में आना स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है।