centered image />

मनुष्य का संबंध ईश्वर से टूटता जा रहा है-ओशो 

0 741
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

एक आश्चर्यजनक दुर्भाग्य मनुष्य-जाति के ऊपर रोज-रोज अपनी काली छाया बढ़ाता गया है। अब तो शायद हमें उस दुर्भाग्य का कोई पता भी नहीं चलता है। जैसे कोई जन्म से ही बीमार पैदा हो तो उसे स्वास्थ्य का कभी कोई पता नहीं चलता। जैसे कोई जन्म से ही अंधा पैदा हो, तो जगत में कहीं प्रकाश भी है, इसका उसे कोई पता नहीं चलता। ऐसे ही हम एक अदभुत अनुभव से जन्म के साथ ही जैसे वंचित हो गए हैं।

धीरे-धीरे मनुष्य-जाति को यह खयाल भी भूलता गया है कि वैसा कोई अनुभव है भी। उस अनुभव को इंगित करने वाले सब शब्द झूठे और थोथे मालूम पड़ने लगे हैं। ईश्वर से ज्यादा आज कोई शब्द थोथा और व्यर्थ है? मंदिरों से ज्यादा अनावश्यक, प्रार्थनाओं से ज्यादा व्यर्थ आज कोई और भाव दशा है? मनुष्य के जीवन से सारा संबंध जैसे परमात्मा का समाप्त हो गया!

Sab Kuch Gyan से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.