हिंदी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक दर्जा भारत की जनता ही दिला सकती है : बिजय कुमार जैन
मुम्बई: ‘हिंदी बनें राष्ट्रभाषा’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए अंधेरी स्थित बगड़का कॉलेज में नवनिर्वाचित ‘मनपा नगरसेवकों’ का सम्मान किया गया, स्थानीय बुद्धिजीवीयों की उपस्थिति के बीच नगरसेवक अनीश मकवानी ने कहा कि
जैन साहेब! मुझे तो आज ही पता चला कि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है, जबकि मैंने किताबों में यही पढ़ा था कि मेरे राष्ट्र की भाषा ‘हिंदी’ है व महाराष्ट्र की भाषा मराठी है, मैं विश्वास दिलाता हूं कि मनपा सदन में प्रथम मराठी, द्वितीय हिंदी में ही काम होगा। वार्ड क्र. 67 की नगरसेविका सुधा सिंह ने कहा कि हिंदी तो राष्ट्रभाषा ही है, केवल इसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त होना चाहिए।
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मैं क्या मुम्बई का बच्चा-बच्चा चाहता है कि ‘हिंदी’ भारत की राष्ट्रभाषा बनें, ताकि हमारी भारतीय संस्कृति का संवर्धन हो। मंच संचालन करते हुए प्रसिद्ध कवियत्री लता हया ने कहा कि बिजय जी के साथ मैं कई वर्षों से जुड़ी हुई हॅूं, इनका भाषाई संस्कृति प्रेम अद्भुत है, इन्होंने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में दर्ज कराने के लिए भरपूर प्रयास की और उसमें सफल भी हुए। इसी के साथ संस्था ने फ्लोर बॉल की राष्ट्रीय टीम में चयन होने के लिए विशेष खिलाड़ी प्राजक्ता
मोहिते एवं कोच बालाजी कांबले को भी सम्मानित किया। ‘हिंदीकल्याणन्यास. कॉम’ वेबसाइट व हिंदी वेलफेयर ट्रस्ट के ट्रस्टी बिजय कुमार जैन ने कहा कि मेरे जीवन का ध्येय ही ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाना है, मैंने ‘यमराज’ तक को भी कह दिया है कि जब तक मेरे भारत की ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा खिताब नहीं मिल जाता, आप मुझे लेने मत आना।
मैंने भारत के राष्ट्रपति जी को निवेदन भेजा था कि 23 मार्च 2017 को हम एक शिष्टमंडल के साथ निवेदन देना चाहते हैं कि दिल्ली स्थित इंडिया गेट का नाम ‘भारत द्वार’ लिखवाया जाये और ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाया जाये। 4 मार्च 2017 को मनपा चुनाव में जीते नगरसेवकों के सम्मान के पीछे एक ही कारण है कि अपने क्षेत्र को सुंदर व स्वच्छ बनाना है जो हमारे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान है जिसे पूरा करवाना है। इस मौके पर साप्ताहिक अखबार ‘ईस्ट वेस्ट अंधेरी टाइम्स’ के पुनप्र्रकाशन का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के विशेष सहयोगी राजस्थानी सेवा संघ, गणगौर, राजेंद्र नांगलिया, मनमोहन बागड़ी के साथ गेलार्ड ग्रुप के सभी कर्मचारी थे। साथ ही मुम्बई महानगरपालिका में पहले मराठी फिर हिंदी में कार्य करने का निवेदन करना था और मुझे पूरा विश्वास है, हमारे मनपा नगरसेवक पहले महाराष्ट्र की ‘मराठी’ फिर राष्ट्र की ‘हिंदी’ को जरूर सम्मान दिलवायेंगे और हमारी भारतीय संस्कृति का संवर्धन करवायेंगे।
दोस्तों! एक ही बात कहूंगा कि पूरे भारत के लोगों की एक ही इच्छा है कि ‘हिंदी’ को संवैधानिक राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले जो भारत की 125 करोड़ जनता ही पूरा कर सकती है… ऐसा मेरा विश्वास है।
लेखक – बिजय कुमार जैन