एक अच्छी जानकारी : आपके बच्चे के लिए कितना सुरक्षित है मिनरल वॉटर !
मिनरल वॉटर अब हर दुकान में आसानी से मिल जाता है। खनिज लवण, सल्फर से युक्त मिनरल वॉटर (Mineral Water) को लोग खूब पसंद करते हैं और स्वास्थय के लिए लाभदायक भी मानते हैं। सफर के दौरान अक्सर लोग मिनरल वॉटर का ही इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या बच्चों के लिए भी मिनरल वॉटर सुरक्षित है या नहीं, ये जानना बहुत जरूरी है क्योंकि कभी – कभी सुरक्षित मानें जाने वाले पानी बच्चों के लिए हानिकारक होता है।
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बच्चों के लिए पानी की आवश्यकता-
बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनके शरीर में तरल पदार्थ का होना बेहद जरूरी है। पानी बच्चों के लिए सबसे स्वस्थ तरल पदार्थ माना जाता है। बच्चों के शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। इसलिए उन्हें उचित तरीके से हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। शायद ही आप जानते होगें कि..
- एक नवजात बच्चे के शरीर में 75 प्रतिशत पानी होता है।
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बच्चों के बढ़ते दांतों के लिए पानी और दूध बहुत जरूरी है और बढ़ते बच्चों के लिए पानी से बेहतर पेय पदार्थ कुछ नहीं है।
बच्चों के लिए असुरक्षित है बोतलबंद पानी-
बच्चों के लिए बोतलबंद पानी असुरक्षित है। लोकप्रिय धारणा के बाद भी बोतलबंद पानी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है, क्योंकि….
- माना जाता है कि बोतलबंद पानी में फ्लोराइड होता है। यह सच है कि कुछ खाद्य पदार्थों में फ्लोराइड मौजूद है जो बच्चे ले सकते हैं और यहां तक कि टूथपेस्ट में भी फ्लोराइड़ का उपयोग किया जाता है लेकिन फ्लोराइड का अधिक इस्तेमाल करने से enamel fluorosis हो सकता है। इससे बच्चों के छोटे दांतों में सफेद धब्बे हो सकते है, जो अभी मसूड़ों में बन ही रहे होते हैं। इसके अलावा कुछ बोतलों में फ्लोराइड़ की मात्रा के बारे में स्पष्ट रुप से नहीं बताया जाता है।
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ये संभव है कि बोतल का पानी, नल के पानी से ज्यादा साफ होता है लेकिन बोतल में भी बैक्ट्ररिया होते हैं।
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बोतलबंद पानी में यूरेनियम अधिक मात्रा में होते हैं, इसलिए जब बच्चे के फॉर्मेल दूध बनाने के लिए इस पानी का इस्तेमाल किया जाता है तो यह हानिकारक हो सकता है।
सफर के दौरान बच्चे को मिनरल वॉटर देने से पहले इन बातों पर ध्यान दें-
- बोतल की सील खुली न हो।
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अगर आपका बच्चा 6 महीने से कम का है तो अच्छा रहेगा कि आप उसके लिए बोतलबंद का पानी उबाल कर रख दें और ठंडा होने पर पिलाएं।
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यदि आप किसी ऐसी जगह जा रहे हैं, जहां का तापमान अधिक है तो आपके बच्चे को डिहाईड्रेशन के लिए अधिक तरल पदार्थ की जरुरत होगी। ऐसे में ज्यादा मात्रा में बोतलबंद पानी को उबाल कर ठंडा करने के बाद पिलाएं।
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बोतल के लेबल से फ्लोराइड़ की मात्रा देख लें। इसमें 200 मिलीग्राम सोडियम और कम से कम 250 मिलीग्राम से अधिक सेल्फेट होना चाहिए।
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यदि आप अपने बच्चे के लिए बोतलबंद से फार्मेला दूध बना रहे हैं तो पहले से इस्तेमाल की गई बोतल के पानी का इस्तेमाल ना करें।
6 महीने तक के बच्चों के लिए पानी
छह महीने तक के बच्चे मां के दूध पर ही निर्भर रहते हैं। मां के दूध से ही उन्हें सारे पोषण मिलते हैं। इसलिए उन्हें पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है। तीन महीने के बच्चे को तो मां के दूध के अलावा कुछ और देने की जरुरत नहीं होती है। छह महीने के बाद बच्चे को भोजन देना शुरू किया जाता है, तब पानी की मात्रा को भी बढ़ा दिया जाता है। इस उम्र में बच्चों के लिए पानी जूस से बेहतर होता है।
बच्चों के लिए कौन सा मिनरल वॉटर सुरक्षित है-
दुनियाभर के डॉक्टरों का सुझाव है कि बच्चों के लिए आसुत पानी (distilled water) सुरक्षित होता है लेकिन भारत में यह विकल्प ज्यादा पसंद नहीं किया जाता है। अगर बच्चे के लिए मिनरल वॉटर का इस्तेमाल किया जा रहा है तो ध्यान रखें कि इसमें सोडियम की मात्रा ना हो। कार्बाहाइड्रेड पानी से भी बचना चाहिए। इससे आपके बच्चे के पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है। अगर आप दुविधा में हो तो डॉक्टर से परामर्श लेकर भी अपने बच्चे को मिनरल वॉटर पिला सकते हैं।
अगर आप सही ढंग से मिनरल वॉटर को चुनते हैं तो यह आपके बच्चे के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है लेकिन खरीदने से पहले पता करें कि ये पानी कैसे तैयार किया जाता है। खासकर जब आप यात्रा करते हैं तो ऐसे ब्रांड की मिनरल वॉटर को चुनें जिनका फार्मोंला बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। ऐसे कई सारे ब्रांड है, जो बच्चों को ध्यान में रखकर फॉर्मोला बनाते हैं या यूं कहें कि ये पानी बच्चों के लिए ही बनाया जाता है। ऐसे ब्रांड को पर्यावरण संरक्षण एजेंसी द्वारा अनुमोदित किया जाता है और इन्हें कड़ी जांच के बाद ही बोतल में पैक किया जाता है। आप अपने डॉक्टर से सभी ब्रांड की बोतलों को चेक करवा सकते हैं।
भारत में नल के पानी को बिलकुल भी बच्चों को नहीं पिलाया जा सकता है। आप फिल्टर का पानी या फिर पानी को उबाल कर बच्चे को पिला सकते हैं। अगर आपके पास ये दोनों विकल्प मौजूद ना हो तो ही आप अपने बच्चे को मिनरल वॉटर पिलाएं।