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बुधवार बड़ी एकादशी चुपचाप यहां रखें एक कौड़ी आने वाली सात पुस्ते भी करेंगे पैसों पर राज

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एक कौड़ी हमारे वैदिक सनातन धर्म में एकादशी का व्रत एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं परन्तु जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या 24 से बढ़कर 26 हो जाती है वर्षभर के प्रत्येक मास में 2 एकादशीयां आती हैं एक शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में जो भक्त एकादशी का व्रत पूरे विधि विधान से करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं भगवान श्रीहरि विष्णु शीघ्र ही पूरी करते हैं।

On Wednesday, keep big Ekadashi silently; even seven books coming from a penny will rule over money

भारतीय हिन्दू संस्कृति में हर महीने की 11वीं तिथि यानी एकादशी (ग्यारस) को

व्रत-उपवास किया जाता है यह तिथि अत्यंत पवित्र तिथि मानी गई है

वर्षभर की दो एकादशियों को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।

एक श्रावण और दूसरी पौष मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी

इन दोनों एकादशियों को पुत्रदा एकादशी कहते हैं अंग्रेजी कैलेंडर के

अनुसार वर्तमान में पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी दिसंबर जनवरी के महीने में पड़ती है

जबकि जुलाई अगस्त के महीने श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी पड़ती है।

इसे पुत्रदा एकदशी पवित्रोपना एकादशी पवित्रा एकादशी के नाम से जाना जाता है

श्रावण शुक्ल एकादशी का नाम पुत्रदा है उसकी कथा के सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है

एक बार की बात है कुन्तीपुत्र महाराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि

हे भगवन श्रावण शुक्ल एकादशी का क्या नाम है इस व्रत को करने की विधि तथा इसका माहात्म्य भी कृपा करके बतायें भगवान मधुसूदन कहने लगे कि हे राजन इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।

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