जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, प्रेगेंट महिला ने लगाईं फांसी, लेकिन बच्चा सही सलामत
कहते हैं कि जिनका कोई नहीं होता, उनका भगवान होता है। इस बार यह बात इस नवजात बच्चे के कारण सिद्ध हो गई है। मध्यप्रदेश के कटनी में जन्मा एक नवजात अभी दुनिया में आया भी नहीं था, कि उनकी मां ने खुद को फांसी लगा ली। फांसी के समय बच्चा महिला की कोख में ही था। लेकिन कहते हैं कि ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोई’। कबीर का यह दोहा इस घटना पर सटीक बैठता है।
इस घटना में वह महिला तो फांसी की वजह से मर जाती है, लेकिन उसका नवजात बच्चा बच जाता है। बता दें कि इस आत्महत्या के दौरान ही महिला का प्रसव हुआ और यह बच्चा नाल से मां के पैरों के बीच लटकता रहा। मां का दम से पहले ही यह बच्चा इस दुनिया में आ जाता है और गर्भनाल स लटका रहता है।
इस घटना के काफी देर बाद घटनास्थल पर पुलिस पहुंचती है और लेडी डॉक्टर को बुलाते हैं। डॉक्टर उस नवजात बच्चे को संभालते हुए उसका शिशु नाल काट कर उसे अस्पताल में लेकर जाती है। अस्पताल में वह बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है, लेकिन उसकी मां उसे छोड़कर दुनिया से चली गई।
दरअसल, गरीबी से तंग आकर लक्ष्मी नाम की इस महिला ने खुद को फांसी लगाई थी। लक्ष्मी के पति संतोष ठाकुर एक खेतिहर मजदूर हैं। मौके पर पहुंची पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब वह पहुंची तब महिला मर चुकी थी और उसका शिशु पैरों के बीच लड़का हुआ था। यह इस महिला का पांचवा बच्चा था। गरीबी के चलते वे अपने बच्चों का लालन-पालन नहीं कर पा रही थी और इसी वजह से उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी।
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