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गलती से कभी भी बच्चों के ना रखें यह नाम, आने वाले समय में करना पड़ सकता है परेशानी का सामना

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नामकरण होना किसी भी बच्चे के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पल होता है। हर मां-बाप बहुत ही चाव से अपने बच्चे का नाम रखते हैं। कभी-कभी देखने को मिलता है कि कुछ मां-बाप तो अपने बच्चों का नामकरण करने से पहले, नाम के अर्थ को भली-भांति समझ कर अपने बच्चे का नामकरण करते हैं, परंतु कुछ ऐसे भी मां-बाप होते हैं जो नाम के अर्थ पर नहीं आ जाकर उसकी सुंदरता पर जाते हैं और बिना अर्थ जाने ही अपने बच्चे का नामकरण कर देते हैं।

परंतु आपको जानकारी के लिए बता दें कि शास्त्रों के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के नाम का उसके जीवन पर एक खास असर पड़ता है। ऐसा भी माना जाता है कि जिस व्यक्ति का जैसा नाम होता है, वैसा ही उसका चरित्र भी बन जाता है। इसके साथ ही साथ या तू’फान आ गया है कि किसी व्यक्ति के नाम का असर उसके जीवन में आने वाले सुख तथा दु’ख पर भी पड़ता है।

यही वजह है कि मां बाप को अपने बच्चों का नामकरण करने से पहले भली भाति विचार करके ही अपने बच्चों का नामकरण करना चाहिए।

हम आपको शास्त्रों में बताए गए कुछ ऐसे नामों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि यह नाम अपने बच्चों के नहीं देना चाहिए। क्योंकि यह पौराणिक कथाओं से जुड़े कुछ ऐसे नाम है, जो यदि किसी व्यक्ति के होते हैं, तो उसके जीवन में सिर्फ कष्ट ही होते हैं।

आइए जानते हैं वह नाम कौन से हैं-

कैकेयी- रामायण के चरित्र राजा दशरथ की तीन पत्नियों में से एक थी कैकेयी। किसी राज्य की रानी होने के साथ-साथ कैकेयी में कई गुण थे। परंतु एक छोटी सी नौकरानी की बातों में आकर इन्होंने अपने पूरे राज्य में कलह फैला दिया। इनके इसी अवगुण के कारण कोई भी माता-पिता अपनी बेटी का नाम कैकेयी नही रखना चाहते।

अश्वत्थामा- अश्वत्थामा के बारे में यह कहा जाता है कि यह बहुत ही बहादुर और निडर योद्धा थे। परंतु उन्होंने सदैव ही बुराई का ही साथ दिया, और अपने जीवन में कोई भी अच्छा कार्य नहीं किया इस वजह से इस नाम का उपयोग करने से भी लोग बचते हैं।

विभीषण- वैसे तो विभीषण बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति के इंसान थे। इनके अंदर भक्ति की भावना भी थी। परंतु इनकी वजह से इनके पूरे परिवार का विनाश हुआ। यही वजह है कि किसी भी मां-बाप को भूल कर भी अपने बच्चे का नाम भी विभीषण नहीं रखना चाहिए।

मंदोदरी- मंदोदरी बहुत ही शांत एवं दयालु प्रवृत्ति की महिला थी। परंतु रावण की पत्नी होने की वजह से मंदोदरी को भी अपने जीवन में सदैव क’ष्टों का ही सामना करना पड़ा। यही वजह है कि कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी का नाम मंदोदरी रखना पसंद नहीं करता है।

द्रोपदी- ऐसे तो द्रोपदी एक राजकुमारी थी। परंतु इनका विवाह एक नहीं अपितु पांच व्यक्तियों के साथ हुआ और यह पांचाली बनी। यही वजह है कि यह नाम रखने से भी लोग बचते हैं।

सुग्रीव- श्री राम जी के परम भक्त होने के बावजूद लोग सुग्रीव नाम रखने से बचते हैं, इसका प्रमुख कारण यह है कि सुग्रीव ने राज्य के लालच में आकर अपने ही सगे भाई को मरवा डाला था।

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