नरेंद्र मोदी का सिंगापुर में राखी बांधकर स्वागत, मोदी ने ढोल बजाकर बढ़ाया भारतीय का जोश
नरेंद्र मोदी का सिंगापुर का दौरा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए जरूरी है. इससे पहले पीएम मोदी ने ब्रुनेई के प्रधानमंत्री और सुल्तान हाजी हसनल बोल्कैया से मुलाकात की थी पीएम मोदी जैसे ही सिंगापुर के अपने होटल पहुंचे. वहां मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. पीएम ने लोगों को ऑटोग्राफ भी दिए. भारतीय मूल की महिलाओं ने पीएम मोदी को राखी भी बांधी
इस दौरान लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला. भारतीय समुदाय के लोगों के जोश को देखते हुए पीएम मोदी ने खुद भी ढोल बजाया. इस दौरान ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जमकर जयकारे भी लगे
पीएम मोदी की एक झलक देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे भारतीय समुदाय के लोगों में उनसे हाथ मिलाने की होड़ दिखाई दी. इस दौरे के दौरान पीएम मोदी सिंगापुर के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकात के साथ ही बिजनेस लीडर्स से भी मुलाकात करेंगे
मोदी की सिंगापुर यात्रा का एजेंडा
सिंगापुर आसियान देशों में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. इस दौरान पीएम मोदी बिजनेस लीडर्स और कई बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे. इस दौरान साउथ चाइना सी और म्यांमार जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हो सकती है.
व्यापार और निवेश के लिहाज से प्रधानमंत्री का सिंगापुर का दौरा अहम है. आसियान देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है. सिंगापुर दुनिया में भारत का छठा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का एक बड़ा स्रोत सिंगापुर है. सिंगापुर की वैश्विक सेमीकंडक्टर ईको सिस्टम में अहम भूमिका है. इस क्षेत्र में सिंगापुर का 20 से अधिक सालों का अनुभव है.
भारत के लिए क्यों अहम है सिंगापुर?
मौजूदा समय में भारत का पूरा जोर एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर है. भारत ने इस पॉलिसी की शुरुआत नवंबर 2014 में 12वें आसियान-भारत शिखर समिट के दौरान शुरू की थी. इस पॉलिसी का उद्देश्य हिंद महासागर में बढ़ रही समुद्री क्षमता का मुकाबला करना और साउथ चाइना सी और हिंद महासागर में रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना है.
चीन लगातार साउथ चाइना सी में अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिश कर रहा है. इस वजह से कई देशों से लगातार चीन का विवाद बना हुआ है. साउथ चाइना सी के कुछ हिस्से पर चीन अपना दावा करता है, जिसे लेकर क्षेत्रीय स्तर पर शांति प्रभावित होती रही है. ऐसे में भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पीएम मोदी के ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है