अगर आप असफल होने के बहाने बनाते हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है जरूर पढें
हम लोग कुछ नया काम करने से पहले भविष्य की सोचते हैं, हार से डरते हैं लेकिन दुनिया में ऐसे बहुत से महापुरुष हैं जिन्होंने कई हार का मुंह देखा लें हार नहीं मानी। लेकिन आज जानिये कुछ ऐसे व्यक्तित्व के बारें में जिनमें कई दोष बताये गये, परन्तु वे ना केवल बहुत सफल हुये बल्कि लाखों लोगों के प्रेरणादायक भी बनें।
धीरूभाई अंबानी
चौथी फेल और पेट्रोल पंप पर काम करते थे,लेकिन उन्होनें एक सपना देखा कि आज भले ही मैं पेट्रोल पंप पर काम कर रहा हूँ लेकिन एक दिन मेरी खुद कि रिफायनरी होगी। एक बार उनके दोस्तों ने कहा तुम्हारी और हमारी सैलरी बराबर है लेकिन तुम उस 5 स्टार होटल में जा कर 2.5 रुपैया कि चाय क्यों पीते हो जबकि हम यहाँ ठेले पर 25 पैसे कि चाय पीते है, तुम्हारें में एेसा क्या घमंड़ है तो धीरू भाई ने जवाब दिया मुझे चाय में कोई समस्या नहीं है, चाय पीते – पीते जो तुम लोगों कि जो छोटी – छोटी बाते है न उससे मुझे समस्या है। मैं जिस होटल में 2.5 रुपैया कि चाय पीने जाता हूँ वहाँ लाखों करोड़ो के सौदे कैसे होते है वो सीखता हूँ।
अमिताभ बच्चन
जो पहली बार अपनी नौकरी के लिए ऑल इंडिया रेडियो में गए थे तो उन्हें बोला गया तुम्हारी आवाज नहीं चलेगी।आज इसी आवाज़ के करोड़ों दीवाने हैं। जहाँ कर्ज़दार आदमी हिम्मत हार जाता है, वहीँ 1999 में 90 करोड़ कर्ज के बाद आज 1900 करोड़ से भी ज्यादा के स्वामी हैं।
अब्राहिम लिंकन
इनको लोग ने कुत्ते कि पुँछ नाम दे दिया था, क्योंकि यह 16 बार चुनाव हारे थे। लेकिन 17वीं बार जब जीते तो सीधे टॉप पर अमेरिका के राष्ट्रपति बनें और हम हैं कि एक की हार से ही हार मान लेते हैं।
जे.के.रोलिंग
यह वह पर्सनैलिटी है जिनको उनके पति ने तलाक दे दिया था तो उनको तीन साल कि एक बेटी थी। उसे लेकर रोड़ पर सोती थी। पहले बच्ची को सुलाती बाद में टाईप राईटर से लिखती और दिन में काम करती। इस तरह काम करके उन्होनें 1997 में पहली किताब “हैरी पॉटर” लिखी। चार साल बाद वार्नर ब्रदर्स मूवीज कि नजर इस किताब पर पड़ी,और इस पर एक फ़िल्म बनी “हैरी पॉटर” और आज इंगलैड कि महारानी से ज्यादा की संपत्ति 2200 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की मालकिन है जे.के.रोलिंग ।
सचिन तेन्दुलकर
16 साल कि उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया। दसवीं में फ़ैल हो गये। पर आज लोग उन्हें न केवल क्रिकेट का भगवान मानते हैं, बल्कि अद्भुत बात यह कि दसवीं फ़ैल सचिन महाराष्ट्र के दसवी की किताब का पाठ हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पहले आप तय कर लें कि आपकी मंजिल क्या है। इन सभी लोगों को देखें तो इनमें से एक भी ऐसा नहीं है जो हमसे ऊपर रहा हो, लेकिन आज यह सब न जाने कहाँ से कहाँ पहुंच गए है। अब्राहिम लिंकन महात्मा गाँधी,अमिताभ बच्चन,बिल गेट्स आदि इन सभी पर्सनैलिटी में एक बात समान है, इनके फिर से खड़े होकर लड़ने कि शक्ति।
तो अपनी कमियों से निराश ना हो, और हिम्मत को जगाते हुऐ खड़ें हो जाए,और कुछ समय बाद मंज़िल पर पहुँच कर आप महसस करेंगे कि आपकी ज़िन्दगी भी बन गई । यही जीवन का गुरुमंत्र है ।
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