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माता सीता जी ने भी किया था एक घोर पाप, यकीन नहीं कर पाएंगे आप

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एक कथा के अनुसार माता सीता अपने बगीचे के अंदर भ्रमण कर रही थी भ्रमण करते समय उनकी नजर एक पेड़ पर बैठे तोते के जोड़े पर पड़ी वह जुड़ा माता सीता के बारे में ही बातें कर रहा था। वह सीता जी के भविष्य के बारे में बातें कर रहे थे यह सुनकर माता को बहुत ही आश्चर्य हुआ और उनके मन में अपने भविष्य के बारे में और अधिक बातें जानने की जिज्ञासा हो गई। माता सीता ने अपने महल के पहरेदारों को बोलकर उस जोड़े को बंदी बना लिया और अपने भविष्य के बारे में अधिक जानकारी लेने लगी। और उन्होंने यह भी पूछा कि वह उनके पति के बारे में इतना कैसे जानते हैं। तब तोते की जोड़ी ने बताया कि वह वाल्मीकि आश्रम के एक पेड़ पर रहते थे और वह हर समय भगवान राम और सीता माता की ही बातें होती थी। और उस तोते ने यह भी कहा कि भविष्य में भगवान श्री राम आपके स्वयंवर में शिव जी का धनुष तोड़कर आपसे विवाह रचाएंगे।

Mother Sita had also committed a terrible sin, you will not be able to believe

माता सीता ने उस तोते की जोड़ी को अपने महल में रखने की जिद करने लगी। लेकिन नर तोते ने कहा कि वह बंदी बनकर नही रह सकता उसका घर खुला आसमान हैं। तब सीता माता ने मादा तोते को बंदी बना लिया तब नेट तोते ने कहा कि उसकी पत्नी इस समय व्यवस्था में है। उसे इस वक्त सबसे ज्यादा मेरी जरूरत है। तो कृपया करके हमें यहां से जाने दें लेकिन माता नहीं मानी। इस पर नर तोते को क्रोध आ गया और उसने यह श्राप दिया कि आप भी अपनी ग्रहण गर्भावस्था के दौरान अपने पति से दूर रहेगी। और नर तोता कुछ समय बाद ही अपने प्राण त्याग देता है। और कहा जाता है वहीं नर तोता उस धोबी के रूप में जन्म लेता है और माता सीता के चरित्र पर सवाल उठाता है। जिस कारण माता सीता को श्री राम त्याग देते हैं। और उन्हें अपने गर्भावस्था के समय अपने पति से दूर रहना पड़ता है।

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