महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानसून के मौसम में एक्सपर्ट टिप्स जो जानना बहुत जरूरी है
महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानसून के मौसम गर्मी से राहत तो दिलाता है, लेकिन यह मौसम अपने साथ महिलाओं को कई तरह के संक्रमण और बीमारियां भी लेकर आता है। इसके लिए महिलाओं को बरसात के मौसम में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। वेजाइनल हाइजीन टिप्स यह मानसून इस मौसम में होता है।
बरसात के मौसम में नमी मौजूद होती है, जिससे फंगस, बैक्टीरिया और कीटाणुओं का प्रकोप बढ़ जाता है। अक्सर यह महिलाओं में संक्रमण का कारण भी होता है।
इंटरनेशनल फर्टिलिटी सेंटर की संस्थापक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. डॉ. रीता बख्शी ने बरसात के मौसम में महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आवश्यक सावधानियां और सुझाव दिए।
डॉ। बख्शी का कहना है कि बरसात के मौसम में सबसे आम समस्या योनि कैंडिडिआसिस है, जो एक फंगल संक्रमण के कारण होता है। सेक्स के दौरान अत्यधिक डिस्चार्ज और दर्द इसके मुख्य लक्षण हो सकते हैं
एंटी-फंगल क्रीम के इस्तेमाल से फंगल इंफेक्शन आसानी से ठीक हो जाता है। योनि संक्रमण को रोकने के लिए स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण चीज है।
योनि संक्रमण से बचने में मदद करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं।
1. योनि साफ करने की आदत:
आपके शरीर की स्वच्छता की तरह ही योनि का भी ध्यान रखने की जरूरत है। इसे अनदेखा न करें। रोजाना साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए खुद को संक्रमण से बचाएं। अपनी योनि को दिन में दो बार साफ करने की आदत डालें।
2. अंडरगारमेंट्स:
बारिश हो या गर्मी, हमेशा याद रखें कि जब आपकी योनि के आसपास नमी होगी, तो आपको संक्रमण का भी उतना ही डर होगा। इसलिए सूती अंडरवियर पहनें और इसकी आदत डालें।
सूती अंडरवियर नमी को अवशोषित करता है और हवा को आसानी से प्रसारित करने की अनुमति देता है। अगर किसी कारण से अंडरगारमेंट भीग जाता है तो उसे जल्द से जल्द बदल दें।
3. संभोग के बाद करने योग्य बातें :
संभोग के बाद आपको अपनी योनि की विशेष सफाई करनी चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण की संभावना कम हो जाती है। संभोग के बाद स्नान करना सबसे अच्छा है।
4. कुछ घरेलू उपचार:
टी ट्री ऑयल आपको इस तरह के संक्रमण से बचाता है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो आपको फंगस और बैक्टीरिया से बचाते हैं। साथ ही दही का सेवन आपकी योनि के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
5. मासिक धर्म के दौरान बरतें ये सावधानियां:
मासिक धर्म संक्रमण के लिए सबसे खतरनाक अवधि है। इस समय योनि की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सैनिटरी नैपकिन को हर 4 घंटे या अधिकतम 6 घंटे में समय-समय पर बदलें।