जानिये एशियाई सिंह (Asian Lion) को
About of Asian lion in hindi सिंह बिल्लियों की जाति में दूसरा सबसे बड़ा प्राणी है। एशियाई सिंह पहले पूरे दक्षिण पूर्वी एशिया में पाए जाते थे परंतु अब सिर्फ ये भारत के गीर के जंगलों में पाए जाते हैं। नर सिंह का वजन 160 से 190 किलोग्राम और मादा का वजन 110 से 120 किलोग्राम होता है। इनका मुख्य भोजन चीतल, सांभर, हिरन, जैबरा, घरेलू पशु आदि हैं। मादा सिंह एक समय में 1 से 5 बच्चों को जन्म देती है, जिसमें से लगभग एक तिहाई बच्चे एक वर्ष के अंदर ही मर जाते हैं। इनकी औसत आयु 16 वर्ष की होती है। नर मादा से बड़े आकार के होते हैं और इनका सर बड़े-बड़े बालों से ढका होता है, जो कि इन्हें मादाओं से अलग पहचान देते हैं।
सिंह का शरीर बहुत ताकतवर एवं इसके जबड़े बहुत मजबूत होते हैं। इनकी संख्या लगभग 200 ही बची हुई है और यह परजाति तेजी से लुप्त हो रही है। सिंह सबसे ज्यादा सामाजिक जानवर होते हैं। ये मुख्यतः समूहों में रहते हैं और शिकार करते हैं। इन समूहों में मादा, नर एवं बच्चे शामिल होते हैं। इनके संख्या कम होने का मुख्य कारण शिकार, जंगलों की कटाई और बीमारियां हैं।
इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा-लियो-पेरसिक है। मादा की लंबाई 1.4 से 1.75 मीटर और नर सिंह की लंबाई 1.7 से 2.5 मीटर होती है। इनकी पूंछ की लंबाई 70 से 105 से.मी. होती है। इनका प्रसव काल 100 से 119 दिनों का होता है। सिंह के बच्चे 18 महीने से 2 साल की आयु में समझदार हो जाते हैं। इनका रंग हल्का भूरा होता है। नर सिंह के सिर पर घने बाल होते हैं। जो कि सुनहरे या कत्थई रंग के होते हैं। इनके सूंघने की शक्ति तेज होती है। इनके पंजे बड़े व नाखून तेज धार वाले होते हैं जो कि शिकार में मदद करते हैं। इनकी खाल पेट के पास से मुड़ी हुई होती है। ये मुख्यतः 500 मी. तक की ऊंचाई वाले घने जंगलों में पाए जाते हैं। इनके शरीर पर बड़े-बड़े बाल होते हैं।
-साभार: संरक्षण चेतना