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समय का उचित रूप से पालन कैसे करें

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Manage time health forty age

समय का उचित रूप से पालन करना एक ऐसा महत्वपूर्ण गुण है जिसकी और बाल्यावस्था से ही ध्यान देना आवश्यक हैं, क्योंकि जीवन और समय एक ही विषय के दो नाम हैं। चालीस की उम्र के बाद तो समय का अधिक से अधिक सदुपयोग करना सबसे आवश्यक हो जाता है। कारण- तब व्यक्ति यह भली प्रकार समझने लगता है कि वृद्धावस्था तथा मृत्यु का सामना करने के लिए अपने को तैयार करने के अलावा उसके सामने कोई दूसरा उपाय नहीं है।
व्यक्ति निम्नलिखित उपायों को अपनाकर अपने समय का पूर्ण सदुपयोग कर सकता है-

  • अपने दिन भर के कार्यो के लिए निश्चित कार्यक्रम बनाइए और उसका दृढता से पालन करिए। यदि आप अपने टाइम टेबल का पालन नहीं कर पाएं तो तनावग्रस्त न हों। पुनः प्रयत्न करें।
  • टी.वी. देखते समय विज्ञापनों के समय का सदुपयोग किसी प्ररेणापूर्ण पुस्तक को पढ़ने के लिए करें अथाव हाथों से किया जाने वाला कोई ऐसा कार्य करें जो आप टी.वी. देखते हुए भी कर सकते हैं, जैसे- स्वेटर की बुनाई आदि।

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  • ट्रेन, कार, बस या विमान से यात्रा करने के समय अथवा किसी के इंतजार का उपयोग आप लेखन-पठन, भावी योजना बनाने और तर्कसंगत विचार करने के लिए कर सकते हैं। इसके लिए अपने पास सदा कोई प्रेरणादायक पुस्तक, एक छोटी-सी डायरी तथा बालपेन रखिए।
  • बेकार की गप्पबाजी, वाद-विवाद, आवश्यकता से अधिक औपचारिता या दूसरों को अपनी शान-शौकत दिखाने में धन और समय नष्ट न करें।
  • सबसे महत्वपूर्ण कार्य को सर्वप्रथम करें। स्मरण रखें कि स्वास्थ, संतुलित तथा प्रसन्न रहना जीवन का सबसे अहम कार्य है। आप अपने प्रत्येक कार्य को युक्तिसंगत क्रम में करें।
  • मित्रों और रिश्तेदारों के यहां सुख-दुख में हाथ बंटाने अवश्य जाएं परंतु अपना प्रेम, प्रभाव या रोब दिखाने के चक्कर में जितना उचित है, उससे अधिक समय नहीं दें।
  • नित्य रात को अपनी डायरी भरें और जांचे की आप अपना समय ठीक से व्यतीत कर रहे हैं या कहीं कुछ कामों की जरूरत से ज्यादा वक्त गंवा रहे हैं? याद रखिए। समय इस संसार की सबसे मूल्यवान और महत्वपूर्ण वस्तु है। वास्तव में वह आपका जीवन है। समय हाथ से निकल जाने के बाद संसार की कोई भी शक्ति उसे वापस नहीं लौटा सकती।
  • मधपान या नशों से अपने को दूर रखें क्योंकि इनसे आपके अनमोल समय तथा स्वास्थ्य का नाश होने के साथ ही धन का भी अपव्यय होता है। केवल डाॅक्टर की सलाह पर ही एकाध पैग लेें।
  • अधेड़ावस्था आने पर व्यक्ति को चाहिए कि वह फिजूलखर्ची से बचे। अपने धन को बचत योजनाओं, फिक्स्ड डिपाॅजिट्स, लाइफ इंश्योरेस आदि में लगाए ताकि वृद्धावस्था के लिए धन का प्रबन्ध पहले हो सके।
  • शराब, भांग, गांजा, अफीम, स्मैक, धूम्रपान, तंबाकू आदि नशों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के साथ ही धन के अपव्यय का कारण बनता है। इन धन खर्च करने के बजाए यदि आप हर माह सौ रूपये भी सावधि जमा योजना (फिक्स्ड डिपाॅजिट) में जमा करते रहें तो साठ वर्ष की आयु तक पहुँचने पर वे (100) चैबिस हजार रूपये हो जाएंगे। इन पर मिलने वाला ब्याज अलग होगा। प्रायः स्त्रियां सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात आदि के आभूषणों को खरीदने में चुपचाप रूपये खर्च करती रहती हैं। इस प्रवृति को रोकना चाहिए क्योंकि आभूषणों में लगाए रूपयों का मूल्य समय गुजरने के साथ बढती नहीं है। दूसरे उनकी हिफाजत करने की एक नई चिंता और लग जाती है। व्यक्ति के जीवन में चिन्ताओं की कोई कमी नहीं है, अतः नई चिंता लगाने की कोई लुक नहीं।
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