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लोकसभा ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता का संकल्प दोहराया

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नई दिल्ली, 13 दिसंबर लोकसभा ने सोमवार को आतंकवाद से लड़ने और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के संकल्प को दोहराते हुए संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की 20वीं बरसीं पर शहीद सुरक्षाकर्मियों को

अर्पित की।

सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम 13 दिसम्बर, 2001 की उस घटना का स्मरण कर रहे हैं जब आतंकवादियों ने एक दुस्साहसिक हमले में हमारी इस

सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था भारतीय संसद को निशान बनाया था।

इस कायरतापूर्ण हमला करार देते हुए बिरला ने कहा कि संसद परिसर की सुरक्षा में तैनात हमारे सतर्क सुरक्षा बलों ने इस विफल कर दिया था। इस हमले का बहादुरी से मुकाबला करते हुए एक महिला सुरक्षाकर्मी सहित संसद सुरक्षा

सेवा, दिल्ली पुलिस और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के आठ जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकवादी हमले में एक कर्मचारी भी शहीद हुए थे।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह सभा आतंकवादी हमले के दौरान संसद की सुरक्षा करते हुए हमारे वीर सुरक्षा कर्मियों द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है तथा उनके परिजनों के प्रति हार्दिक

संवेदना एवं एकजुटता व्यक्त करती है।

सदन ने इस अवसर पर आतंकवाद से लड़ने तथा देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के संकल्प को दोहराया और दिवंगत आत्माओं के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा।

उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर 2001 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने संसद भवन पर हमला किया था। आतंकियों की योजना लोकतंत्र के मंदिर को विस्फोटकों से उड़ाने की थी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों के

साहस और वीरता के आगे वे अपने नापाक इरादे में नाकाम रहे और सुरक्षाबलों ने आधे घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद सभी 5 आतंकी मार गिराए गए। इस हमले में दिल्ली पुलिस के 6 जवान और संसद के 2 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।

एक माली की भी मौत हुई थी।

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