Location tracking: क्या लोकेशन को फोन नंबर या आईपी एड्रेस से ट्रैक किया जा सकता है?, ये है पुलिस ट्रैकिंग
Location tracking: क्या कोई आपके स्थान को ट्रैक कर सकता है या आप किसी को ट्रैक कर सकते हैं? कई लोग अपने मोबाइल नंबर से दूसरों की लोकेशन जानने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह तरीका Google पर इस सवाल को टाइप करने जितना आसान नहीं है। निश्चित रूप से आईपी पते और आईएमईआई नंबर और फोन नंबर द्वारा ट्रैक करने के कुछ तरीके हैं।
साथ ही क्या आप किसी की लोकेशन उनके फोन नंबर से ट्रैक करना चाहते हैं? बहुत से लोग इस सपने को जीते हैं। गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड की लोकेशन ट्रैक करने के लिए या किसी व्यक्ति की लाइव लोकेशन जानने के लिए।
आप केवल उसकी सहमति के बिना मोबाइल नंबर से ऐसा नहीं कर सकते। बहुत से लोग ऐसे तरीकों की तलाश में गूगल के पन्नों को खंगालते रहते हैं, लेकिन उन्हें सब जाल ही लगता है।
अगर आप ऐसे रास्ते की तलाश में जाएंगे तो गूगल आपको एक भूल भुलैया की तरह घुमा देगा। आप अपने हाथ में कोई उचित तरीका नहीं पाएंगे।
क्या हमें यह मान लेना चाहिए कि ऐसा कोई रास्ता नहीं है? नहीं, विधियां अनेक हैं, लेकिन उन तक पहुंचना आपके लिए कठिन है। आइए जानते हैं मोबाइल नंबर से किसी का फोन कैसे खराब करें।
Location tracking: स्पाई सॉफ्टवेयर-
पेगासस का नाम तो आपने सुना ही होगा। यह एक स्पाईवेयर है, जिसकी मदद से कोई बिना उसकी जानकारी के किसी की जासूसी कर सकता है। लेकिन यह कोई 100 या हजार रुपये का सॉफ्टवेयर नहीं है।
इसका इस्तेमाल कई देशों की सेना और सरकारों द्वारा किया जाता था। हालांकि पकड़े जाने के बाद इस सॉफ्टवेयर पर रोक लगा दी गई है। अगर आप गूगल सर्च की मदद लेंगे तो आपको ऐसे कई फेक सॉफ्टवेयर मिल जाएंगे।
यह सॉफ्टवेयर न सिर्फ आपके फोन से डेटा चुरा सकता है, बल्कि आपको गलत जानकारी भी दे सकता है। आप पाएंगे कि यह सॉफ्टवेयर फोन नंबर की मदद से दूसरे यूजर्स को ट्रैक कर रहा है।
तो पुलिस कैसे काम करती है? –
पुलिस किसी का पता लगाने के लिए उनके मोबाइल नंबर या फोन के आईएमईआई नंबर का भी इस्तेमाल करती है। इसके लिए पुलिस को टेलीकॉम कंपनी के साथ मिलकर काम करना होगा।
टेलीकॉम कंपनी पुलिस को सूचना देती है कि ट्रैकिंग नंबर सेल टावर के पास और कितनी दूर सक्रिय है। इसके जरिए पुलिस टीम अपराधियों की अनुमानित लोकेशन का पता लगा लेती है।