छोटी दूधी करती है लाखों बीमारियों का इलाज जाने इसके अनोखे लाभदायक, फायदे
छोटी दुधी के पेड की उंचाइ करीबन 5-10 फिट रेहती है. छोटी दुधी के पत्ते चने के पत्तो जैसे होते है किन्तु उनसे थोडे छोटे होते है. इस के पत्ते तोडणे पर उन पत्तो में दुध निकलता है. इसलिये इसे दुग्धिका और दुधी कहा जाता है. छोटी दुधी कटू, उष्ण, लघु, तिक्ष्न, तिक्त, मधुर, रुक्ष होती है.
अगर किसी इन्सान को कुत्ते ने काटा होगा तो एैसे इन्सान को छोटी दुधी का पंचांग 20 ग्राम, काली मिर्च के 6-7 नगो को पानी में डालकर पिसणे से कुत्ते ने काटने वाले जगह पर लगाने से कुत्ते के झहर का प्रभाव कम होता है.
काली मिर्च, तुलसी, छोटी दुधी 50 ग्राम, करंज गिरी, कुटकी 20-20 ग्राम ये सभी चीजे छोटी दुधी के रस में पिसकर काली मिर्च के समान गोलिया बनाकर इन गोलिओ को शहद के साथ खाने से विषमज्वर ठीक होने में मदत होता है.
छोटी दुधी के पत्तो को सुखाकर उस में गाय का मक्खन मिलाकर उसे खुजली वाली जगह पर लगाकर उसे चार या पाच घंटे बाद साबून से धो ले कुच्छ ही देर बाद खुजली कम होगी. किसी भी इन्सान को हकलाने की बिमारी है एैसे इन्सान छोटी दुधी के जड में दो ग्राम पान रखकर उसका रस चुसने से हकलान पण दूर होगा.
डायबटीज के रोगी ने छोटी दुधी, पारासी कयवाणी, गुडमार बुटी, जामून की गुठली ये चारो संजीवनी बुटी लेकर बराबर मात्रा में पानी के साथ पिसकर झारी के बेल इतनी आकार की गोलिया बनाकर इन गोलीयो को सुबह दो शाम को दो ताजे पानी के साथ सेवन करणे से डायबेटीज खत्म होगा.
छोटी दुधी में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री-रेडिकल्स को दूर करते है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदत करता है. छोटी दुधी में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट फ्री-रेडिकल्स कोलर कैन्सर को खत्म करणे की ताकत रखता है.