LIC-Adani: LIC-अडानी अलग होंगे या साथ रहेंगे?, जल्द लिया जाएगा फैसला
LIC-Adani: पिछले 10 दिनों में अडानी की संपत्ति में भारी गिरावट आई है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को 9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। अब ये मामला इतना अहम हो गया है कि संसद में भी हंगामा मच गया है. ऐसे में सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के शेयरों में भी लगातार गिरावट आ रही है। बता दें कि एलआईसी के मार्केट कैप में करीब 65,400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
इस वजह से एलआईसी ने शुक्रवार को अडाणी समूह के प्रबंधन से संवाद करने का फैसला किया है। जिसके बाद एलआईसी खुद फैसला करेगी कि शेयरों को अडानी के पास रखना है या विनिवेश करना है। एलआईसी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “आज हम अदानी समूह के साथ बातचीत करेंगे। उनकी आगे की रणनीति को समझने की कोशिश करेंगे। हालांकि, एलआईसी ने अदानी समूह में केवल 8% शेयरों का निवेश किया है।
LIC-Adani: -एलआईसी-अडानी कनेक्शन क्या है?
दरअसल, सरकारी स्वामित्व वाली बीमा कंपनी के शेयरों में गिरावट का सीधा संबंध अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से है। अमेरिका की शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप पिछले कुछ दशकों से शेयर बाजार में हेराफेरी और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल है। जिसके बाद अदानी ग्रुप ने इस दावे को खारिज कर दिया।
– अदाणी ग्रुप में एलआईसी की कितनी हिस्सेदारी?
एक सवाल जो आपके दिमाग में जरूर होगा कि अगर अडानी के घाटे का असर एलआईसी पर पड़ रहा है, तो अदानी ग्रुप में उनकी कितनी हिस्सेदारी होगी। अदानी समूह की प्रमुख कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी की 4.23 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं। अदानी पोर्ट्स में बीमा कंपनी की 9.14 प्रतिशत और अदानी टोटल गैस में 5.96 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। अडानी की हालिया शेयर बिक्री में अनुभवी बीमाकर्ता भी एक प्रमुख निवेशक था। हालांकि, एलआईसी ने कहा कि उनकी हिस्सेदारी केवल 8% है।