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मेट्रो शहरों में क्यों बैंकों ने बंद किए अपने एटीएम, कारण जानें

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जैसा कि आप सब जानते हैं कि मोदी सरकार धीरे धीरे कैशलेस इकोनामी की तरफ बढ़ रही है। इसी वजह से कैशलेस सुविधा बढ़े जिसकी वजह से सरकार ने अपने एटीएम की संख्या घटानी शुरू कर दी है। देखा जाये तो इस वर्ष के जून और अगस्त के अंदर भारत में अब तक बैंकों ने 358 एटीएम को बंद कर दिया गया है। माना जाये तो तकरीबन एटीएम बंद होने में 16.4 फीसदी की कमी पाई गयी और पिछले साल 2016 में एटीएम की संख्या 16.4 फीसदी की तेजी आई थी। हां, पिछले एक साल में यह ग्रोथ कम रहकर 3.6 पर ही रूक गई है। ऐसा पहली बार हुआ है, कि एटीएम की संख्या बढ़ने के बजाए घट गई है।

नोटबंदी के बाद तेजी

जब नोटबंदी शुरू हुई तो सभी शहरों में एटीएम को लोगों ने कम इस्तेमाल किया नतीजा एटीएम के रखरखाव में ज्यादा खर्चा हो रहा है। तब बैंकों की टीम ने सभी एटीएम की जानकारी ली। क्या आप जानते हैं कि भारत में एसबीआई के सबसे ज्यादा एटीम है। यह देश का सबसे बड़ा एटीएम ग्रुप है। जून के महीने में एसबीआई के एटीएम की गिनती 59,291 थी, जोकि अगस्त में कम होकर 59,200 तक रह गई. पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम की संख्या 10,502 से घटकर 10,083 हो गई. निजी क्षेत्र के दिग्गज बैंक एचडीएफसी बैंक के एटीएम की संख्या 12,230 से कम होकर 12,225 हो गई.

banks close atm at metro cities (2)

रख रखाव में 1 लाख तक खर्च

बैंकों की माने तो शहरों मे एटीएम के रख रखाव में तकरीबन 1 लाख रूपये तक का खर्चा होता है। यह जो खर्चा है वो 1 ही महीने का है। मतलब यह है कि एटीएम का किराया 30000 से 40000 तक आता है जैसे इलेक्ट्रीसिटी बिल, एटीएम ऑपरेटर्स, एटीएम का केबिन, मेंनटेंन्स का खर्चा, सिक्योरिटी गार्ड, सबसे ज्यादा इलेक्ट्रीसिटी बिल क्योंकि एटीएम को एसी की जरूरत होती है उसका तापमान 15 से 18 डिग्री रखना पड़ता है जिसके कारण बिजली का बिल ज्यादा आता है।

यही वजह है कि बैंकों को मेट्रो शहरों में एटीएम को बंद करना पड़ा। बैंकों ने बताया कि उन्होंने अधिकतर वही एटीएम बंद किए है जो 500 मीटर के दायरे में आ रहे थे। लेकिन इससे ग्राहकों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी।

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