जानें ऐसे हिन्दू राजा के बारे में जिसने 35 मुग़ल राजकुमारियों से किया था विवाह
आज हम आपके लिए इतिहास के पन्नों से खोजकर एक ऐसे शख्स की कहानी लाए हैं जिसने अपने पराक्रम और बुद्धिमता के बल पर सभी मुग़ल शासकों के नाक में दम कर दिया था लेकिन वे पूर्व दिशा की तरफ और न बढ़ सके क्योंकि उन्हें रोकने के लिए एक ऐसा योद्धा वहाँ पहले से मौजूद था जिसके सामने उनकी एक न चली |
सन 712 ईसवीं में बप्पा रावल ने मुहम्मद बिन कासिम को हराकर सिंध प्रांत को दोबारा मुक्त कर दिया | केवल यही नहीं अन्य अरब शासकों से भी उनके राज्य छीने जाने लगे | यह देखकर सन 735 में अरब कट्टरपंथी हज्जात ने बप्पा रावल को मारने के लिए सैन्य टुकड़ी भेजी लेकिन हज्जात की फ़ौज हज्जात शासित राज्य की सीमा तक लांघ न सकी और पहले ही मार दी गयी |
इसके बाद चालुक्य शासक विक्रमादित्य द्वितीय और प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम की सम्मिलित फ़ौज की सहायता से मुग़ल आक्रमणकारी अल हकम बिन अलावा, तमीम बिन जिद अल उतबी और जुनैद बिन अब्दुल रहमान अल मुरी की सम्मिलित सेना को पराजित कर दिया | इसके बाद गजनी के शासक सलीम को भी खदेड़ दिया | करीब 20 वर्षों तक अपना कहर मुगलों के राज्यों में बनाए रखा |
इससे घबराकर कई मुग़ल शासक अपनी सुरक्षा के लिए और मित्रवत सम्बन्ध बनाए रखने के लिए बप्पा रावल से अपनी पुत्रियों का विवाह कराने लगे | इस प्रकार उन्होंने 35 विवाह मुग़ल राजकुमारियों से किये | उनके शासन काल के भी 300 वर्षों बाद तक दोबारा मुग़ल आक्रमणकारियों ने भारत की तरफ आँख उठाकर भी नहीं देखा