पढ़ाई करते वक्त इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान, सफलता कदम चूमेगी
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर अध्ययन कक्ष सही दिशा में न हो तो बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। चाहे कितनी भी मेहनत कर ले वास्तु दोष के कारण मेहनत की सफलता नहीं मिलती है। इसलिए बच्चे की पढ़ने के लिए दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। वास्तु नियमों के अनुसार बच्चों के पढ़ने का कमरा उत्तर, पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में इस प्रकार होना चाहिए की पढ़ाई करते समय चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।
शौचालय के पास कमरा नहीं होना चाहिए। पुस्तकों की अलमारी पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए।
सफलता की दृष्टि से अनुभव से ज्ञात हुआ है की प्रशासनिक सेवा, शिक्षा, रेलवे आदि की तैयारी के लिए पूर्व दिशा में पढ़ाई का चयन करें। मेडिकल, कानून, टेक्निकल, कंप्यूटर आदि से जुड़े लोगों का कमरा दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। अकाउंट, गायक, संगीत बैंक, व्यापार, प्रबंध आदि की तैयारी के लिए उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
पढ़ाई करते समय रखें इन बातों का ध्यान
पढ़ाई करने वाले बच्चों को पश्चिम दिशा की ओर सिर रखकर सोना चाहिए। पढ़ने की मेज पर भगवान की तस्वीरें लगाएं। पढ़ाई को पूरी निष्ठा के साथ करने से सफलता कदम चूमने लगती है जहां पर आप पढ़ाई करते हैं वहां पर नशीली मांसाहारी शराब अथवा धूम्रपान जैसी चीजें ना रखें कमरे में गुलाब या चंदन की धूपबत्ती लगाए बिस्तर पर लेटकर पढ़ाई करना अनुचित माना गया है पढ़ने वाली मेज पर ग्लोब या तांबे का पिरामिड लगाने से पढ़ाई में मन लगता है और नकारात्मक चीजें नष्ट हो जातीl
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