पढ़ाई-लिखाई के दौरान इन खास बातों जरूर रखें खयाल

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पढ़ाई-लिखाई में पूरा ध्यान लगाना और जीतोड़ मेहनत करना अच्छी बात है. पर सब-कुछ करके कामयाबी मिल ही जाए, यह हर बार जरूरी नहीं. यही वजह है कि हमारे धर्मशास्त्रों के इस बारे में कुछ खास संकेत किए गए हैं, जिससे सफलता मिलने में बाधाएं न आएं.ऐसे में पढ़ने-लिखने के दौरान कुछ खास बातों का खयाल रखा जाना उचित है. आगे ऐसी ही बातों की चर्चा की गई है

1. पूरब दिशा की ओर मुंह करके पढ़ें
स्टडी रूम में पढ़ाई की मेज इस तरह लगाएं कि उस दौरान आपका मुंह पूरब दिशा की ओर रहे. ऐसी मान्यता है कि इससे ज्यादा पॉजिटिव एनर्जी मिलती है. सूर्य को देवता माना जाता है. यह ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है. अध्ययन के दौरान कमरे में भरपूर रोशनी भी होनी चाहिए, जिससे आंखों को ज्यादा तकलीफ न हो. संभवत: इन्हीं कारणों से पूरब दिशा की ओर पढ़ाई करना बेहतर माना गया है.

2. लेटकर नहीं, बैठकर करें पढ़ाई
कई बार स्टूडेंट्स आलस्य की वजह से मेज-कुर्सी की बजाए बिस्तर पर लेटे-लेटे ही पढ़ाई करते हैं. अगर कुछ ऐसी चीजें पढ़नी-लिखनी हो, जिसका परीक्षा से कोई लेना-देना न हो, तब तो कोई बात नहीं. पर अगर चीजें कोर्स से जुड़ी हों, तो मेज-कुर्सी पर ही पढ़ें. ऐसी मान्यता है कि जब मानव शरीर लम्बवत् रहता है, तो दिमाग ज्यादा एक्ट‍िव रहता है और बातें ज्यादा याद रहती हैं. गिरगिट की तरह लेटकर पढ़ना उचित नहीं बताया गया है.

3. जूठे हाथों से पन्ने न पलटें
पढ़ाई-लिखाई करने के दौरान जूठे हाथों से किताब-कॉपी आदि न छुएं. मेज पर कोई खाने-पीने की चीजें न रखें. अगर कुछ खाने की इच्छा हो, उठकर जाएं, खाकर फिर अच्छी तरह हाथों को धोकर पढ़ाई शुरू करें.

4. शाम के वक्त स्टडी करने से बचें
देर शाम को स्टडी करने से बचना चाहिए, यानी जब दिन ढल रहा हो और धीरे-धीरे रात होने वाली हो. इसे शास्त्रों में ‘गोधूलि बेला’ कहा गया है. यही वह समय होता है, जब गाएं बाहर से चरकर अपने निवास स्थान लौटती हैं.

5. याद करते वक्त सिर या पैर न हिलाएं
कुछ स्टूडेंट्स की आदत होती है कि वे कोई बात याद करने के दौरान बार-बार सिर या पैर हिलाया करते हैं. ऐसा करना ठीक नहीं हैं. पढ़ने के दौरान मन शांत रखने के साथ-साथ शरीर को भी स्थ‍िर रखना ।

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