कासिम ने किया मणिपुर पुलिस को शर्मशार, निकला ड्रग्स पैडलर्स का सरगना
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ड्रग्स पैडलर्स सरगना और नशीले पदार्थों के बड़े सौदागर को मणिपुर से गिरफ्तार कर शुक्रवार को दिल्ली ले आई। इसका नाम मोहम्मद कासिम अली है। इसके दो पैडलर्स को पिछले साल स्पेशल सेल ने 10 किलोग्राम हेरोइन के साथ दबोचा था। इस मामले में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित किया था। मोहम्मद कासिम अली मणिपुर पुलिस का पूर्व सिपाही है। दिल्ली पुलिस की नजरों को धोखा देने के लिए कासिम के गुर्गे वाहन में तैयार कराए गए खुफिया केबिन में ड्रग्स रखते थे और धड़ल्ले से दिल्ली-एनसीआर में हेरोइन की आपूर्ति करते थे। यह जानकारी डीसीपी राजीव रंजन ने दी।
डीसीपी राजीव रंजन के मुताबिक कासिम शातिर है। वह गुवाहाटी, दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अपने गुर्गों के जरिए ड्रग्स भिजवाता रहा है। पिछले साल दिल्ली में दबोचे गए मोहम्मद इकबाल खान और मोहम्मद इशाक ने यह खुलासा किया था। दोनों से बरामद 10 किलोग्राम हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 40 करोड़ रुपये थी। उन्होंने बताया कि मोहम्मद कासिम अली की गिरफ्तारी पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उसकी तलाश में इंस्पेक्टर कृष्ण कादयान की देखरेख में एसआई बिजेंदर और परविंदर की टीम लगी हुई थी।
इस टीम को सूचना मिली कि कासिम म्यांमार बॉर्डर में है। वह किसी से ड्रग्स की डील करेगा। इस सूचना पर 23 नवंबर की दोपहरपुलिस ने छापा मारकर उसे दबोच लिया। वह कार में बैठा था। उसने यह कुबूल कर लिया है कि 2020 में दिल्ली में पकड़ी गई 10 किलोग्राम हेरोइन उसकी थी। इसे नाजिम के पास पहुंचाया जाना था।
डीसीपी रंजन का कहना है कि मोहम्मद कासिम अली 12वीं पास है। पत्नी और चार बच्चे हैं। मणिपुर पुलिस में वह ड्राइवर था। इस बीच पारिवारिक झगड़े के दौरान में उससे कत्ल हो गया। उसकी गिरफ्तारी हुई और नौकरी चली गई। जेल से छूटने पर आर्थिक तंगी से वह टूट गया और ड्रग्स की दुनिया में कूद गया। पिछले साल गिरफ्तार किया गया मोहम्मद इशाक उसका भतीजा है। वह उसका खास पैडलर है।