centered image />

कालमेघ एक ऐसा पौधा जो मरते हुए को प्राण दे सकता है फायदे जानकर होगी हैरानी.

0 351
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

जडीबुटी मामले में कालमेघ एक आयुर्वेदिक चिकित्सा के पद्धती से काम करती है. इस में ओ सभी गुण है जो और वनस्पती में होती है. इस का स्वाद कडवा होता है. कालमेघ का चूर्ण पानी के साथ लिया जा सकता है.

इस के पत्तीयो कारस सेवन किया जा सकता है इसके पत्तियो की पेस्ट बनाकर जख्म पर लगाया जा सकता है. तो चलिये मित्रो कालमेघ वनस्पती और कोन कोनसे रोगोपर इस्तमाल की जाती है.

कालमेघ वनस्पती में एंटी-डायबेटिक गुण पाए जाते है एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार कालमेघ का अर्क सेवन करणे से डायबेटीज को कंट्रोल किया जा सकता है.

इसलिये अगर आपको कही कालमेघ नजर आता है तो इसे छोडीये मत इस का पुरा फायदा डायबेटीज वाले मरीज को दिलाये.

कैंसर जैसी खतरनाक बिमारी के जोखीम से बचने के लिये कालमेघ का इस्तमाल कर सकते है. क्योकी इस में एंटी-कैंसर गुण पाया जाता है

इस के अलावा इस वनस्पती में एंड्रोग्राफोलाइड, बायोएक्टिव पाया जाता है. स्तन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर सहीत अन्य कैंसर से बचने का काम कालमेघ कर सकता है.

अगर किसी का घाव ज्यादा गहरा है एैसे मरीज को कालमेघ वनस्पती की पेस्ट बनाकर घाव पर लगाये और कालमेघ वनस्पती के पत्तो का रस पिणे से घाव जल्दी भरता है

और पहिले जैसी परिस्थिती सामान्य बनती है.गैस और एसिडीटी से अगर कोई हमेशा परेशान रेहता है एैसे मरीज को कालमेघ वनस्पती के पत्तो का रस पानी में मिलाकर पिणे से गैस और एसिडीटी में लाभ मिलता है.

बुखार से अगर कोई परेशान है तो एैसे व्यक्ती को दो दो चमच दिन में तीन बार पिलाने से बुखार कम होता है.

अकसर बच्चो के पेट में किडी बनते है इस की वजह से बच्चो के पेट में दर्द होता है एैसे समय कालमेघ का रस दो चमच, एक चमच हल्दी पावडर और अदा चमच शकर मिलाकर बच्चो को पिलाने से

पेट के किडे मर जाते है और बच्चा तंदुरुस्त बनता है और खिला खिला दिखता है.

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.