केंद्र में मोदी कैबिनेट में जदयू के शामिल नहीं होने के फैसले का असर बिहार में दिखेगा
नरेंद्र मोदी सरकार में सांकेतिक प्रतिनिधित्व मिलने से अपमानित जदयू ने केंद्रीय कैबिनेट से बाहर रहने का लिया फैसला, अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में हुए अपमान का बदला लेकर भाजपा को दिया है जोरदार झटका, नीतीश कुमार 2 जून को अपनी कैबिनेट का विस्तार करेंगे लेकिन इसमें भाजपा को नहीं मिलेगी जगह, ठीक वैसे ही जैसे भाजपा के सांकेतिक प्रस्ताव पर नाराज होकर जदयू रह गया केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर, नीतीश कुमार के इस कदम से बिहार भाजपा के नेताओं को लगेगा जोर का झटका, नतीजा बिहार भाजपा का एक भी नेता नीतीश कैबिनेट के विस्तार पर कुछ भी बोलने को नहीं है तैयार.
केंद्र में मोदी कैबिनेट में जदयू के शामिल नहीं होने के फैसले का असर बिहार में भी दिखेगा। मंत्रिमंडल विस्तार में भा़जपा कोटे से एक भी मंत्री नहीं बनाया जाएगा जबकि बिहार में अभी 11 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ताजा कवायद को भाजपा के खिलाफ जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है।
नए मंत्री बनने वालों में नरेंद्र नारायण यादव, संजय झा, डॉ.अशोक कुमार चौधरी, रामसेवक सिंह, श्याम रजक, नीरज कुमार और लक्ष्मेश्वर राय का नाम तय है। इनमें नरेंद्र नारायण, चौधरी और रजक पहले भी मंत्री रह चुके हैं।
पिछले कुछ दिनों के भीतर जदयू कोटे वाले मंत्रियों के तीन पद जबकि लोजपा के कोटे से एक मंत्री का खाली हुआ है। बिहार में लोकसभा चुनाव में नीतीश सरकार के तीन मंत्री सांसद चुने गए। जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मुंगेर से, आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव मधेपुरा से जबकि लोजपा नेता व पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस हाजीपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीत गए हैं। जेल जाने की वजह से मंजू वर्मा को कुछ माह ही पहले मंत्री पद से हटाया गया था।
फिलहाल अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। वैसे तो भाजपा कोटे से मंत्री का एक ही पद खाली है। भाजपा से नीतीश सरकार में 13 मंत्री हैं। लिहाजा भाजपा को कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। फिर भी भाजपा ने बिहार के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर पूरी नजर बना कर रखी है। प्रदेश नेताओं के अनुसार पूरे घटनाक्रम की जानकारी आलाकमान को दे दी गई है।