एक साल से दबाव में IT सेक्टर: TCS, Infosys, Wipro जैसी दिग्गज कंपनियों से पोर्टफोलियो में कौन से शेयर रखें?
आईटी सेक्टर पिछले कुछ समय से रिकवर कर रहा है। लेकिन पिछले एक साल से निफ्टी इंडेक्स में कमजोरी दिख रही है। यह सेक्टर पिछली कुछ तिमाहियों से दबाव में है। पिछले 1 साल में जहां निफ्टी और सेंसेक्स ने 12% और 12.5% का रिटर्न दिया है, वहीं आईटी इंडेक्स में 2% की गिरावट आई है। ब्रोकरेज हाउस और जानकारों का कहना है कि आईटी सेक्टर के लिए अभी माहौल अनुकूल नहीं है। कई मैक्रो चुनौतियां बनी हुई हैं, जिन पर अगली 2 तिमाहियों में दबाव देखा जा सकता है। ऐसे में आईटी क्षेत्र के निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे चुनिंदा गुणवत्ता वाले शेयरों को ही चुनें।
एक साल में कितने आईटी शेयर चढ़े और गिरे?
टीसीएस – 3.63 प्रतिशत नीचे
इंफोसिस -14.23 फीसदी गिरा
विप्रो – 14.83 फीसदी नीचे
एचसीएल टेक, – 9.63 फीसदी चढ़ा
LTI माइंडट्री – 14.69 प्रतिशत बढ़ा
टेक महिंद्रा- 3.3 फीसदी गिरा
एलएंडटी 10.48 फीसदी चढ़ा
लगातार- 37.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई
जोर- 22.11 फीसदी की कमी आई है
कोफोर्ज ई थ्योरी – 22.14 प्रतिशत बढ़ा
आईटी शेयरों में इतनी कमजोरी क्यों?
आईटी दिग्गज के शेयरों में बीते दिनों गिरावट देखने को मिली है। बैंकिंग संकट दुनिया भर में आईटी क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। फंडिंग में देरी हो रही है, परियोजनाओं में देरी हो रही है। अमेरिका और यूरोप सुस्त हैं। बड़े ग्राहकों द्वारा लागत कम कर दी गई है और भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है। वहीं, टीसीएस और इंफोसिस जैसी दिग्गज कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में आईटी सेक्टर पर दबाव नतीजों में दिख रहा है। वहीं प्रबंधन का मार्गदर्शन निवेशकों के लिए उत्साहजनक नहीं है। सेक्टर पर दबाव 1 से 2 तिमाहियों तक रहने का अनुमान है।
ब्रोकरेज हाउस एचडीएफसी सिक्योरिटीज
ब्रोकरेज हाउस एचडीएफसी सिक्युरिटीज के मुताबिक, मैक्रो इफेक्ट के चलते आईटी सेक्टर की ग्रोथ धीमी हुई है। लागत में कमी, निर्णय लेने में देरी, धीमी डील रैंप-अप, मूल्य वृद्धि/मात्रा छूट ने चुनौतियों को बढ़ा दिया है। टेक महिंद्रा, जोर, इंफोसिस और एचसीएल आईटी सेक्टर में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि एचसीएल टेक का मिड टर्म रिजल्ट आउटलुक थोड़ा जोखिम पेश करता है। मिड कैप शेयरों में ब्रोकर्स पर्सिस्टेंस सिस्टम्स और जेनसर पर बुलिश हैं।
मोतीलाल ओसवाल की निवेश राय
ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक आईटी सेक्टर के लिए मैक्रो पैरामीटर सही नहीं हैं। ऐसे में निकट अवधि में तकनीकी खर्च खासकर बड़े उद्योगों पर दबाव रहेगा। लागत बचत के उपाय विशेष रूप से बीएफएसआई और खुदरा और उपभोक्ता क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं। हालांकि दीर्घावधि में, जीसीसी पदचिह्न का विस्तार करने और नई तकनीकों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, वर्तमान परिवेश में निकट अवधि में स्थिर या कम खर्च दिखाई देगा। हालाँकि, टीसीएस इन सभी चुनौतियों से पार पाने की क्षमता रखती है।
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