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India China Tension: भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच अमेरिका का बड़ा बयान, कहा- एकतरफा कार्रवाई का करेंगे विरोध

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भारत और चीन के बीच जारी सीमा तनाव के बीच अमेरिका का एक अहम बयान सामने आया है। दरअसल, अमेरिका ने कहा है कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी एकतरफा कार्रवाई या घुसपैठ का विरोध करता है। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-चीन सीमा पर तैनात चीनी सैनिकों से बातचीत की और युद्ध की तैयारियों की समीक्षा की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को प्रेस के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रेस प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि हम एलएसी पर किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई और घुसपैठ का कड़ा विरोध करते हैं. अमेरिका इस मामले पर पैनी नजर बनाए हुए है।

अमेरिका ने कहा कि भारत और चीन को बातचीत के जरिए सीमा विवाद सुलझाना चाहिए। बता दें कि अगले हफ्ते वाशिंगटन डीसी में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिकी एनएसए जैक सुलिवन के बीच अहम बैठक होनी है। इस बैठक में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी संचार और सहयोग पर चर्चा हो सकती है। इसको लेकर वेदांत पटेल ने कहा कि भारत अमेरिका का अहम साझेदार है. इसमें व्यापार सहयोग, सुरक्षा सहयोग और तकनीकी सहयोग शामिल है।

शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मुख्यालय से पूर्वी लद्दाख में तैनात चीनी सैनिकों के साथ बातचीत की। इस बातचीत के दौरान चीनी सैनिकों ने कहा कि अब वे 24 घंटे सीमा की निगरानी कर रहे हैं. शी जिनपिंग ने सीमा पर गश्त पर पीएलए सैनिकों से सवाल किया। आपको बता दें कि 5 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी.

बता दें कि लद्दाख के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने एक रिपोर्ट में आशंका जताई है कि भविष्य में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़पें बढ़ सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सीमा पार चीन द्वारा सैन्य बुनियादी ढांचे के निरंतर निर्माण के कारण है, जिससे स्थिति और खराब होने की आशंका है। लद्दाख पुलिस ने खुफिया इनपुट के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है।

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