शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार के लिए जरूरी खबर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बीएड में होगा बड़ा बदलाव
अगले कुछ वर्षों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 का प्रभाव शिक्षा दुनिया में साफ नजर आएगा। इसे धीरे-धीरे उच्च शिक्षा से प्राथमिक शिक्षा तक लागू किया जा रहा है। इतना ही नहीं, शिक्षण क्षेत्र में भी नए बदलाव होने जा रहे हैं। इसी क्रम में वर्ष 2030 से चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) की डिग्री अनिवार्य करने की योजना है।
क्या बदला था?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत किंडरगार्टन से 12वीं कक्षा तक के शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता भी तय की गई है। इसमें बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड शामिल हैं। वर्तमान में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से 41 विश्वविद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी अगले सप्ताह से इस नेशनल कॉमन एंट्रेंस एग्जाम के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करना शुरू कर देगी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही चार साल का बीएड प्रोग्राम शुरू कर रही है।
प्रवेश मानदंड क्या होंगे?
प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा। सत्र 2024-25 से चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम के पायलट प्रोजेक्ट के लिए विश्वविद्यालयों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। अब यह नया बीएड कार्यक्रम नए शिक्षा मॉडल के अनुसार बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार किया जाएगा।
विश्वविद्यालय में प्रवेश सीयू-चयन से होगा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में फैकल्टी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। यूजीसी ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी फैकल्टी रिक्रूटमेंट पोर्टल सीयू-चयन लॉन्च किया है। इस पोर्टल की मदद से विश्वविद्यालय में प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक सहित प्राध्यापक पदों के लिए आसानी से आवेदन करने की राह आसान हो जाएगी।