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अगर आपका बच्चों के लिए प्यार उन्हें बुरी आदतों के लिए प्रोत्साहित नहीं कर रहा है, तो इन बातों पर विशेष ध्यान दें

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सभी जानते हैं कि बच्चे जो देखते हैं वही सीखते हैं। उन्हें जो सिखाया जाता है वह छोटी उम्र में ही जल्दी सीख लेते हैं और फिर उसे जीवन भर याद रखते हैं। खासकर अगर माता-पिता ने उन्हें कुछ ऐसा सिखाया है जो उन्हें जीवन भर याद रहे। इसलिए माता-पिता की यह जिम्मेदारी बन जाती है कि वे देखें कि उनके बच्चे कहीं कुछ गलत तो नहीं सीख रहे हैं या अपना नहीं रहे हैं। माता-पिता को अपने बच्चे के प्यार में यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी जिद उनकी गलत आदतों की वजह भी बन सकती है। फिर उसे ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा कोई बुरी बात न सीखे।

कई परिवारों ने पाया कि छोटे बच्चे अपनी चीजें साझा नहीं करना चाहते हैं। कई बार बच्चा दूसरे की चीजें भी लेने की जिद करने लगता है। ऐसे में माता-पिता प्यार और स्नेह के कारण इसे साझा करने से मना कर देते हैं। अक्सर माता-पिता के सहयोग से बच्चा यह आदत सीख जाता है और अपनी बातों को दूसरों के साथ साझा करना चाहता है। माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के अच्छे विकास के लिए उन्हें शेयर करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

कई बच्चे दूसरों की चीजें बिना पूछे ले लेते हैं और उनका इस्तेमाल भी करने लगते हैं। माता-पिता बच्चों की ऐसी हरकतों को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन आपकी यह एक गलती बच्चे की आदत खराब कर देती है। जब आपका बच्चा बिना पूछे चीजें ले रहा हो तो उसे तुरंत रोकें और उसे पूछने की सलाह दें। ऐसा करने से उसे पता चल जाएगा कि बिना मांगे किसी की चीज लेना बुरी आदत है।

माता-पिता को कम उम्र से ही बच्चों को दूसरों का सम्मान करना सिखाना चाहिए। खासकर अगर कोई बड़ा है, तो उसे कम उम्र में ही यह सिखाना जरूरी है कि उसका अभिवादन करना चाहिए, उससे धीमी आवाज में बात करनी चाहिए, मदद मांगने वाले को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, आदि। लेकिन अगर आप बड़ों पर चिल्लाते हैं या उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं, तो बच्चा आपसे यह आदत सीख सकता है और बड़ों का अनादर कर सकता है। जिससे उन्हें भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कई माता-पिता अनजाने में अपने बच्चों को जिद्दी बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बच्चे सोचते हैं कि जिद करने से सब कुछ हो जाएगा, इसलिए अगर बच्चा कुछ लेने की जिद करे तो उसे तुरंत मना कर दें और कहें कि जिद करने से कुछ हासिल नहीं होता। इस तरह वह हर चीज को हल्के में लेने की आदत नहीं डालेगा और आत्म-संयम सीखेगा।

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