सऊदी अरब जाएं तो गलती से भी न करें ये काम, मिलती है सजा-ए-मौत
जैसा की आप में से बहुत से लोगों को यह पता है कि सऊदी अरब के कानून बहुत ही प्रसिद्ध और काफी सख्त भी है। फ्रैडस पूरी दुनियां में सऊदी अरब का कानून सबसे खतरनाक और सख्त कानून है। सऊदी अरब में यदि कोई अपराधी किसी भी प्रकार का अपराध करता है तो उस दोषी को सजा देने का प्रावधान भी अलग ही तरह का है। जिस तरह की सजा सऊदी अरब में अपराध करने पर दी जाती है, इन तरीकों को कई देश सही नहीं मानते है।
लेकिन सऊदी अरब के कानून का मानना यह है कि अगर आगे से अपराध को रोकना है तो इसी तरह के कदम उठाने जरूरी है तभी अपराधों पर रोक या लगाम लगाई जा सकती है। वहां की सजा के बारे में सुनकर कोई भी अपराध करने से पहले दस बार जरूर सोचेगा। सऊदी अरब में कुछ अपराध ऐसे है जिसके लिए आरोपी को सरेआम फांसी पर लटकाया जाता है। आइए हम आपको कुछ ऐसे अपराधों के बारे में बताते है जिसके लिए मिलती है ये सजा
ये भी एक बहुत ही संगीन अपराध है यदि कोई व्यक्ति योजना बनाकर किसी की हत्या करता है तो उसे जघन्य अपराध माना जाता है। अगर ऐसा कोई भी गुनाह होता है और ऐसे में यदि कोई व्यक्ति इसके लिए दोषी पाया जाए तो आरोपी को सजा ए मौत का हुक्म दिया जाता है। जिसके लिए उसे फांसी की सजा दी जाती है। वहीं अगर किसी व्यक्ति का आतंकवाद से संबंध रखने या फिर किसी आंतकी गतिविधियों में शामिल होने की खबर स्पषट हो जाती है। और उस व्यक्ति पर दोष सिद्ध हो जाता है तो उस व्यक्ति को सजा ए मौत की सजा ही सुनाई जाती है। इसके लिए इस तरह केे अपराध करने वाले व्यक्ति की गर्दन तरलवार से काट दी जाती है।
हालांकि कई देशों में इस प्रकार की सजा को मानवाधिकार के खिलाफ माना जाता है।सऊदी अरब के कानून को ऐसे ही सबसे ज्यादा सख्त कानून नहीं माना जाता जैसा कि आप सभी जानते ही हैं के हमारे देश में जहां बलात्कार करने पर सात साल की सजा दी जाती है वहीं सऊदी अरब में ऐसे अपारधों के लिए बिना संकोच बिना माफी के सीधे ही ‘सजा ए मौत’ की सजा दी जाती है। जानकारी के अनुसार वहां पर ऐसे अपराधी को जनता के सामने सजा दी जाती है।
किसी भी सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने पर या फिर किसी सरकारी कर्मचारी को नुकसान पहुंचाने पर आरोपी को बांधकर कोड़े मारे जाते हैं। किसी की नीजी संपत्ति को नुकसान पंहुचाने पर व्यक्ति को कड़ी सजा दी जाती है। यहां तक की उसके हाथ पैर भी तोड़ दिए जाते है।अपराधियों को इतनी खतरनाक सजा देने के पीछे का मक़सद यह बताया जाता है कि ऐसी सजा के डर से कोई अपराधि अपराध न करें।