अगर आप प्लास्टिक के कप में चाय या कॉफी पीते हो तो जरुर जानिए यह बात
कल्याण आयुर्वेद- आजकल प्लास्टिक का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है और आपने भी कई बार प्लास्टिक के कप में पानी, चाय या कॉफी या कोल्डड्रिंक पिया होगा. यह बहुत सस्ते दामों में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. इस वजह से पार्टी, फंक्शन आदि में इसका काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन जैसा कि आपको मालूम होगा कि प्लास्टिक न सिर्फ पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है. बल्कि हमारे सेहत के लिए भी काफी नुकसानदायक है.
नियमित प्लास्टिक के कप में चाय या कॉफी पीना हानिकारक होता है. इससे आपको कई तरह की बीमारियां लग सकती है. क्योंकि प्लास्टिक बनने में कई तरह के हानिकारक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है. यह रासायनिक पदार्थ स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं. आज हम इस पोस्ट के माध्यम से बताने की कोशिश करेंगे कि प्लास्टिक कैसे तैयार किया जाता है एवं इसमें पानी, कॉफी या चाय पीने से क्या हानिकारक प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ते हैं.
क्या है प्लास्टिक-
प्लास्टिक को बनाने में बिस्फेनॉल ए का प्रयोग किया जाता है. यह एक रसायन है जिसका उपयोग बड़ी मात्रा में पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक के उत्पादन के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल बच्चों की पानी पीने की बोतल से लेकर मेडिकल डिवाइस तक की पैकेजिंग में किया जाता है.
चलिए जानते हैं प्लास्टिक कप के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान-
1 .प्लास्टिक कप में गर्म चाय या कॉफी डालते हैं इसमें मौजूद बीपी रसायन भी गर्म होने लगता है. इस केमिकल के सेवन की वजह से शरीर में वसा का उत्पादन अधिक होने लगता है. जिससे मोटापा और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है.
2 .बीपीए हार्मोन को भी प्रभावित करता है. इसके साथ ही बीपीए है प्रजनन क्षमता और मस्तिष्क पर भी प्रभाव डालता है. यही नहीं बीपीए अल्फा कोशिका यानी इंसुलिन बनाने वाले कोशिका को भी प्रभावित कर शरीर में ग्लूकोज के स्तर को खराब कर सकता है.
3 .यदि प्रेग्नेंट महिलाएं बहुत ज्यादा बीपीए के संपर्क में रहती हैं तो यह न सिर्फ उनके स्वास्थ्य के लिए बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इससे शिशु के विकास पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.
4 .प्लास्टिक कप पुरुषों की सेक्स शक्ति को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. असल में बीपीए वीर्य की संख्या को कम कर नपुंसकता की समस्या उत्पन्न कर सकता है.
5 .इसके अलावा प्लास्टिक कप में चाय या कॉफी पीने के कारण शरीर की इम्यून सिस्टम भी प्रभावित होता है.
6 .प्लास्टिक कप के इस्तेमाल की वजह से दिमाग की संरचना को भी क्षति पहुंच सकती है.
7 .प्लास्टिक कप में चाय या कॉफी पीने का किशोरों पर भी असर पड़ता है. उनमें समय से पूर्व प्यूबर्टी यानी यौनावस्था आ जाती है. ब्रेस्ट ग्रंथि का विकास उत्तेजित होता है. प्रजनन चक्कर भी बाधित होता है और ओवरीज में दिक्कतें आ सकती है.
8 .प्लास्टिक कप के इस्तेमाल से प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं को उत्तेजित करता है. इसके साथ ही प्रोस्टेट का आकार बढ़ सकता है और स्पर्म काउंट में कमी आ सकती है.
9 .बीपीए की वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक हो जाता है एवं गर्भवती महिलाओं में गर्भपात की संभावना भी अधिक रहती है.