नहीं बन पा रहे है माँ बाप, तो अपनाएं यह असरदार तरीके अभी
गर्भधारण प्रयास के दौरान ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बाते
- पूर्व प्रसव जाँच (pre-natal checkup) :- गर्भधारण करने से पहले आपको निम्नलिखित विकारों की जांच करवा लेनी चाहिए: चाहे आपको इससे पहले प्रजनन क्षमता की बाधाओं का सामना करना पड़ा हो या न हो ,फिर भी एक बुनियादी पूर्व गर्भधारण जांच कराना एक जिम्मवार माँ बाप बनने की उचित प्रक्रिया है ।
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a) पुरुषों को स्खलन के दौरान उत्सर्जित शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या की जांच करने के लिए एक शुक्राणु विश्लेषण करवाना चाहिए। अतिरिक्त पुरुष प्रजनन क्षमता परीक्षण में , हार्मोन के स्तर की जाँच के लिए रक्त परीक्षण करवाना और स्खलन प्रक्रिया या शुक्राणु वाहिनी बाधा पर नजर रखने कि लिए अल्ट्रासाउंड करवाना, ये सब शामिल हैं ।
b) महिलाओं के प्रजनन क्षमता परिक्षण में हार्मोन परीक्षण शामिल हैं जो की थायराइड, पीयूष की जांच और डिंबोत्सर्जन वा मासिक धर्म चक्र के दौरान दूसरी समय पर हार्मोन के स्तर की जांच करते हैं| गर्भाशय, एंडोमेट्रियल अस्तर, और फैलोपियन ट्यूब में जख्म, रुकावट, या बीमारियों का मूल्यांकन या जांच करने के लिए स्टेरोसाल्पिंगोग्राफी, लेप्रोस्कोपी और श्रोणि अल्ट्रासाउंड ज़्यादा अच्छे तरीके हैं । डिम्बग्रंथि रिजर्व परीक्षण वा विरासत में मिले बांझपन की समस्याओं के लिए आनुवंशिक परीक्षण भी करवाये जा सकता है ।
c) मधुमेह: जिसे आम बोल चल की भाषा में Diabetes के नाम से जानते है ।
गर्भधारण से पहले Diabetes Test अवश्य करा ले तभी आप इस रोग के साथ जुड़े जन्म दोष से बचने में सक्षम हो पाएंगे ।
d) थायराइड रोग: यदि गर्भधारण से पहले इस रोग का निदान हो जाय और यह प्रतिबंधित हो जाए,
तो गर्भधारण के लिए यह चिंताजनक नहीं है ।
e) पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (PCOS), जो डिंबोत्सर्जन में बाधा बन सकता है ।
f) एंडोमेट्रीओसिस (endometriosis), जो की आम तौर पर प्रजनन क्षमता को बाधित कर सकता है ।
h) सही विशेषज्ञ ढूंढें | किसी विशेष प्रजनन क्षमता विशेषज्ञ या क्लीनिक के बारे में सलाहें लें ।
2) गर्भ निरोधकों का प्रयोग बंद कर दे :
अनियोजित गर्भधारण से बचने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाली गर्भ निरोधक जैसे गर्भनिरोधक गोलियां,
हार्मोन इंजेक्शन, नुवा-रिंग, IUD, कंडोम, गर्भाशय ग्रीवा टोपियां,
डायफ्राम या स्पंज का अगर आप प्रयोग कर रहे है तो उसे तात्कालिक रूप से बंद कर दे ।
3) डिंबोत्सर्जन अवधि का ध्यान रखे : औसतन, अधिकतर महिलाओं में माहवारी शुरू होने के 14 दिन बाद ही डिंबोत्सर्जन की शूरवात हो जाती है
इसको जानने के लिए हम एक तरीका आजमा सकते है जो की बहुत हद तक आपके लिए कारगर साबित हो सकता है ।
महिलाओं से निकलने वाले चिपचिपे तरल को अपने ऊँगली पर लीजिये और उसकी elasticity check कीजिये,
यदि इसमें कुछ देर तक लचीलापन बना रहे तो सम्भवतः ovulation हुआ है
और अब आप माँ बाप बनने के लिए प्रयास कर सकते है ।
4) Lubricant को avoid करे : अधिकतर लोग शारीरिक संबंध को मजेदार बनाने के लिए lubricate का प्रयोग करते है ।
वैसे किसी artificial lubricant का प्रयोग करने की आवश्यकता ही नहीं है,
क्योंकि orgasm के दौरान शरीर खुद ही पर्याप्त मात्रा में liquid produce करता है जो sperm और ova दोनों के लिए healthy होता है ।
lubricate में प्रयोग होने वाले कुछ ज़ेल्स, तरल पदार्थ sperms को महिलाओं की reproductive tract में बाधा पंहुचा सकती है .
इसलिए इनका प्रयोग अपने डाक्टर से पूछ कर ही करें ।
5) उत्तेजकों और अवसादों से बचें : नशीले पदार्थ, जैसे सिगरेट, शराब, कैफीन और दुष्कर दवाएं का सेवन पुरुष -स्त्री , दोनों के hormones को नुकशान पंहुचा सकता है
और आपकी प्रजनन क्षमता को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है.और बच्चों में भी जन्मजात विसंगतियां हो सकती हैं ।
6) स्वस्थ्य- जीवनशैली अपनाए : एक स्वस्थ्य- जीवनशैली हमारे जीवन का काफी अहम हिस्सा है ।
चाहे वो पुरुष और महिला हो होने वाले बच्चा हो , हम अपने दिनचर्या में छोटे मोटे बदलाव लेकर स्वस्थ जीवनशैली की आदत बना सकते है ।
जैसे समय पर सोना-उठना , खान-पान जैसे प्रजनन क्षमता में वृद्धि करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें ।
संतुलित और प्रोटीन-वसायुक्त आहार का सेवन करे ।
पर्याप्त भोजन और फल की मात्रा रखें । रोजाना व्यायाम, योगा करे ।
ऐसे दिनचर्या का पालन करने से पुरुष-स्त्री दोनों की fertility rate बढती है ।