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अगर आप भी खा रहे हैं सॉस तो हो जाइये सावधान, क्योंकि ऐसे बनती हैं

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गर्मियों के मौसम में बाहर का खाना खाने से हमारी तबियत खराब हो जाती हैं और इसी मामले में जब अलर्ट हेल्थ डिपार्टमेंट ने हरियाणा के एनआईटी-3 स्थित एक घर में बन रही नकली सॉस की फैक्ट्री पर छापा मारा, तो उन्हें वहां कुछ ऐसा दिखा जिसको देखने के बाद उनके होश उड़ गए. दरअसल इस घर में नकली सॉस बनाई जा रही थी, वहां से 270 केन सोया सोस चिली सोसा मिली हैं जिसको उसी समय नष्ट कर दिया गया. शुरुआती जांच में पता चला की सॉस को बनाने के लिए सड़े हुए आलू गाजर और बहुत तरह के केमिकल का इस्तेमाल भी किया जा रहा था.

ऐसे बनाई जाती हैं नकली सॉस

नकली सॉस को लाल करने के लिए केमिकल वाले कलर का यूज किया जाता है. सॉस बनाने में सिंथेटिक केमिकल का यूज किया जाता है,जैसे विनेगर. ये बात जानकार आपको हैरानी होगी की सॉस बनाने में सब्जियों का भी इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन वो सब्जियां खराब होती हैं ताजी नहीं. इसके अलावा इस नकली सॉस में अरारोट भी मिलाया जाता है.

20 से 30 रुपये में मिलती हैं नकली सॉस

आप नकली सॉस के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं, नकली सॉस मार्किट में सस्ती मिलती हैं. असली सॉस 60-70 रुपये किलो तक आ जाती हैं, जबकि नकली सॉस 20-30 रुपये किलो में आसानी से मिल जाती हैं. नकली सॉस को बनाने के लिए गाजर आलू पैठा मैदा और नकली केमिकल का इस्तेमाल भी किया जाता है और स्टार्ट डालकर नकली सॉस को गाढ़ा बनाया जाता है.

सेहत के लिए खतरनाक

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रामभगत ने बताया की गर्मियों के मौसम में रोड़ के किनारे बिकने वाली चीजों को भी खाने से बचना चाहिए. उन्होंने ये भी बताया की रोड़ के किनारे लगे हुए छोटे-छोटे स्टॉल पर मिलने वाले खाने में परोसी जा रही सॉस की गुणवत्ता बहुत खराब होती हैं. नकली सॉस खाने से हमारी किडनी पर बहुत बुरा असर पड़ता है और हमें बहुत सी बीमारियां भी हो सकती हैं.

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