व्यापार में कोई बांधा हो तो वह दूर हो, और व्यापार दिन दूना और रात चौगुना फैले। इसके बाद साधक नीचे लिखें मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करें।
मंत्र :
हनुमत वीर, रखो हद धीर, करो यह काम, व्योपार बढ़े तंतर हो दूर, टूणा टूटे, ग्राहक बढ़े, यह कारज सिद्ध होय, न होय तो अंजनि की दुहाई।
इस मंत्र का जप 1 घंटे तक बार बार करते रहें। जब 1 घंटे का मंत्र जाप हो जाये, तब दिया बुझा दें व दीपक में रखें गोमती चक्र व अन्य वस्तुओं के साथ एक पोटली बांध दें व उस पोटली को जहाँ पर दो सड़कें मिलती हो ऐसे चौराहे पर रख दें। यह पौटली रखने के बाद वापस अपने घर पर लौट आयें और हाथ पैर धो लें। ऐसा करने में व्यापार से संबन्धित बाधाऐं व दोष दूर होते है, व दूसरे ही दिन से व्यापार में वृद्धि दिखाई देने लगती है। यह अपने आप में एक सफल व श्रेष्ठ प्रयोग है।
शनिवार को छोड़ कर किसी भी दिन एक पीपल का पत्ता लेकर, गंगाजल से धोकर उस पर तीन बार ‘नमः भगवते वासुदेवाय नमः’ लिख कर, पत्ते को पूजा स्थल पर रख लें। उसकी आराधना करें। नित्य धूप, अगरबत्ती की धूनी दें तो इश्वर की कृपा से सब बाधाऐं दूर हो जायेंगी।
व्यापार में सभी संबंधित सावधानियां बरतने तथा प्रयास करने पर भी ग्राहकों की संख्या में वृद्धि न हो पा रही हो, तो निम्न उपाय करें : सोमवार के दिन प्रातः काल एक छोटा सफेद चंदन का टुकड़ा लें, जिसमें पहले से ही आरपार छेद करा हुआ हो। नीले रंग के धागे में इस छेद द्वारा चंदन को पिरो लें। फिर उपर्युक्त मंत्र का 54, या 21 मंत्र जाप करें। इस प्रकार डोरे सहित चंदन को अभिमंत्रित कर के, अपने गले में पहन लें, अथवा दुकान, कार्यालय के गल्ले, पूजा स्थान पर रख दें। रोजाना चंदन को धूप-दीप देते रहें। व्यवसाय में उन्नति महसूस होगी।